धार

देवता मानकर पूज रहे डायनासोर के 6.50 करोड़ साल पुराने अंडे

एमपी के धार जिले के बाग स्थित डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने की तैयारी चल रही है। ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने इसका ड्राफ्ट तैयार किया है। बोर्ड विश्व विरासत सूची के साथ पार्क को देश की पहली यूनेस्को ग्लोबल जियो पार्क सूची में शामिल कराने कोशिश भी कर रहा है। अब एक अनूठी बात सामने आई है। इस इलाके में डायनासोर के करोड़ों साल पुराने अंडों को देवता मानकर पूजा जा रहा है।

धारDec 19, 2023 / 05:21 pm

deepak deewan

डायनासोर के करोड़ों साल पुराने अंडों को देवता मानकर पूजा जा रहा

एमपी के धार जिले के बाग स्थित डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कराने की तैयारी चल रही है। ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने इसका ड्राफ्ट तैयार किया है। बोर्ड विश्व विरासत सूची के साथ पार्क को देश की पहली यूनेस्को ग्लोबल जियो पार्क सूची में शामिल कराने कोशिश भी कर रहा है। अब एक अनूठी बात सामने आई है। इस इलाके में डायनासोर के करोड़ों साल पुराने अंडों को देवता मानकर पूजा जा रहा है।

यह भी पढ़ें: 48 घंटों में बिगड़ेगा मौसम, पश्चिमी विक्षोभ से दो दिन तक होगी झमाझम बरसात

यह क्षेत्र एशिया का सबसे पुराना डायनासोर जीवाश्म स्थल है। यह 2011 में डायनासोर जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान के रूप में अधिसूचित किया गया था। ट्यूरोनियन काल में ये भूभाग समुद्र का हिस्सा हुआ करता था। यहां मान नदी घाटी में विलुप्त 6 तरह की शॉर्क के दांतों के अवशेष मिल चुके हैं। इससे भी पूर्व के युग के मगरमच्छ नुमा जीव के कंकाल के हिस्से भी मिले हैं। साथ ही मांसाहारी डायनासोर के 6.50 करोड साल पुराने अंडे भी पाए गए। ये स्थान उनके लिए अंडे देने के सबसे सुरक्षित स्थानों में से एक था। यहां 256 अंडे के जीवाश्म मिल चुके हैं। जीवाश्म बनते हुए अंडे कई लेयर में जुड़ते गए।

यह भी पढ़ें: फिर बदलेगा मौसम, लगातार दो दिनों तक जोरदार बारिश का अलर्ट

धार के बाग क्षेत्र में डायनासोर के अंडों का बाहुल्य है। खास बात यह है कि इन गोलाकार पत्थरों को गांव के लोग देवता मानते हैं। इन अंडों की बाकायदा विधिविधान से पूजा भी करते हैं। कुछ जगहों पर तो इन्हें कुल देवता का दर्जा तक दे दिया गया। लखनऊ के बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पैलियोसाइंसेज के विशेषज्ञों ने इस बात का खुलासा किया है। विशेषज्ञों ने गांववालों को बताया कि डायनासोर के अंडों के जीवाश्म हैं। डायनासोर की प्रजाति टायटेनोसारस के अंडे पाडल्या गांव और आसपास पाए गए हैं। पटेलपुरा, भील्लड़ बाबा, झाबा, घोड़ा, अखाड़ा, टकारी आदि गांवों में इन अंडों की पूजा की जा रही है।

यह भी पढ़ें: 19 से बदलेगा मौसम, अगले सप्ताह दो दिनों तक होगी जोरदार बरसात

Hindi News / Dhar / देवता मानकर पूज रहे डायनासोर के 6.50 करोड़ साल पुराने अंडे

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.