दरअसल अनाज मंडी को नई जगह स्थानांतरित करने के लिए प्रक्रिया तो कई बार हुई, लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते इस पर अमल नहीं हो पाया। सबसे पहले पूर्व मंडी अध्यक्ष प्रभु राठौड़ के कार्यकाल में मंडी को धार बायपास पर शिफ्ट करने के लिए कार्ययोजना बनी और बैठक में सहमति बनाई गई, लेकिन राजनीतिक खींचतान के चलते मामला खटाई में पड़ गया।
बॉक्स २५ हेक्टेयर जमीन की दरकार नई अनाज मंडी के लिए कम से कम २५ हेक्टेयर जमीन की दरकार है। हाल ही में अनाज मंडी के लिए नई जमीन देखने के लिए फिर से चर्चाएं शुरू हुई और सरकारी प्रक्रिया पूरी कर प्रस्ताव भेजा गया। इसके लिए २५ हेक्टेयर जमीन की मांग की गई। साथ ही जमीन आवंटित करने के लिए कलेक्टर कार्यालय धार को प्रस्ताव भिजवाया गया, जहां पर पिछले कुछ माह से प्रस्ताव लंबित और जमीन आवंटन को लेकर मामला विचाराधीन है। अनाज मंडी के लिए धार बायपास, जेल रोड पर जमीन भी देखी गई थी, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में है। वहीं वर्तमान मंडी 8 हेक्टेयर से भी कम क्षेत्र में संचालित हो रही है।
-सीजन में परेशान होते हैं किसान धार अनाज मंडी में सीजन के वक्त बंपर आवक होती है। खासतौर पर गेहूं और सोयाबीन के वक्त मंडी में प्रवेश के लिए कतारें लगती हैं। ऐसे में किसानों को मंडी में इंट्री करने के लिए ६ से ८ घंटे तक कतार में ही खड़ा होना पड़ता है। इन दिनों गेहूं को लेकर आवक जारी है।
-अतिक्रमण भी बढ़ी परेशानी अनाज मंडी के सिमटते परिसर का एक बड़ा कारण अतिक्रमण भी है। बीते कुछ सालों में मंडी के भीतर अतिक्रमण काफी ज्यादा बढ़ा है। व्यापारियों द्वारा बनाए गए टीनशेड के कारण जगह काफी कम हुई है।
-सब्जी मंडी को लेकर भी दिक्कतें शहर के जेल रोड पर संचालित होने वाली सब्जी मंडी को लेकर भी दिक्कतें है। यहां पर आज भी आढ़त प्रथा के तहत मंडी का संचालन होता है। ऐसे में किसानों को उचित दाम नहीं मिल पाता। जबकि पूरे प्रदेश में आढ़त प्रथा बंद है। सरकारी कंट्रोल नहीं होने के कारण पिछले सालों में किसानों के साथ ठगी भी हुई है। अनाज मंडी में जगह कम होने के कारण सब्जी मंडी भी दूसरे स्थान पर संचालित होती है।
जमीन आवंटन का प्रस्ताव भेजा गया है – अनाज मंडी के लिए जमीन आवंटन का प्रस्ताव भेजा गया है। नई परिसर के लिए २५ हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। केके नरगावे, सचिव, कृषि उपज मंडी, धार
दो-दो दिन तक कतार में लगना पड़ता है – मास्टर प्लान के अनुसार मंडी को शहर से बाहर स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। मंडी में जगह कम होने के कारण दो-दो दिन तक कतार में लगना पड़ता है। जिला स्तर की मंडी के हिसाब से जगह कम है। सब्जी मंडी के लिए अढ़त प्रथा बंद है। इसके बावजूद धार में अढ़त प्रथा जारी है।
अमोल पाटीदार, प्रवक्ता, भाकिसं