हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद ने बताया कि बुधवार को भोजशाला के भीतरी परिसर और बाहरी परिसर में उत्तर व दक्षिणी हिस्से में मिट्टी हटाने का काम किया गया। दरगाह परिसर में अवशेषों की क्लीनिंग के साथ शिलालेख को पेपर स्टांप की सहायता से पेपर रोल पर उकेरा। कुछ स्थानों पर नपती भी की गई। बुधवार सुबह ASI टीम मजदूरों के साथ सर्वे के लिए भोजशाला पहुंची थी।
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को 29 अप्रैल को हाईकोर्ट में सर्वे रिपोर्ट करना है। हालांकि अभी काम बहुत कम हो सका है। इसलिए सर्वे की अवधि भी बढ़ाने की कवायद चल रही है। ASI ने सर्वे की टाइम लिमिट बढ़ाने के लिए आवेदन लगा दिया है। एएसआई ने सर्वे के लिए 8 सप्ताह का वक्त और मांगा है।
हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा का कहना है कि सर्वे का काम अभी पूरा नहीं हो सका है इसलिए ASI द्वारा हाईकोर्ट से और समय मांगना जायज है। वहीं अब्दुल समद ने इस पर आपत्ति जताई है। दरअसल मुस्लिम पक्ष को यह डर है कि बरसात का पानी भोजशाला के स्वरूप को प्रभावित कर सकता है।
अब्दुल समद ने यह बात कही भी है। उनका कहना है कि एएसआई द्वारा हाईकोर्ट में टाइम लिमिट बढ़ाने को लेकर दिए गए आवेदन को हम चैलेंज करेंगे। समय बढ़ाने पर बारिश का मौसम आ जाएगा जिससे स्वरूप में परिवर्तन आने की आशंका है। यहां खुदाई की गई है और गड्ढों में पानी भरने से कई साक्ष्य बदल जाएंगे।