धार. जिले में चने के लिए पंजीयन कराने वाले ऐसे किसानों के साथ साठगांठ कर व्यापारियों ने अपना माल तौल दिया, जिनके खेत में चने की फसल ही नहीं लगाई गई। अफसरों की आंख में धूल झोंक किसानों को मामूली लालच देकर व्यापारियों ने सरकार को बड़ी चपत लगाई जा रही है। बता दें कि चने की सरकारी खरीदी १० अप्रैल से शुरू हुई थी, जो ९ जून को समाप्त हो गई। जिलेभर से १३ हजार ८६३ किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनमें से ९ हजार १ किसानों ने अपनी उपज तुलाई। यूं समझें जादूगरी कृषि विभाग के उपसंचालक आरएल जमरे के अनुसार जिले में चने का रकबा लगभग १ लाख ४९ हजार हेक्टेयर है। चने का औसत उत्पादन १२ क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। इसमें सादा और डॉलर चना दोनों शामिल है। बता रहे हैं कि डॉलर चने का रकबा बढ़ा, लेकिन सादा (छोटा) चने का रकबा महज २० हजार हेक्टेयर बताया जा रहा है, जिसकी सरकारी खरीदी की गई। औसत उत्पादन के लिहाज से देखा जाए तो जिलेभर में सादे चने का कुल उत्पादन २ लाख ४० हजार क्विंटल होता है। प्रभारी जिला आपूर्ति अधिकारी आनंद गोले के अनुसार जिले भर के सभी ६ सेंटर (गंधवानी की खरीदी भी मनावर सेंटर पर हुई) पर १० अप्रैल से ९ जून के बीच ९ हजार १ किसानों ने अपनी उपज तुलवाई, जिनसे कुल २ लाख ७७ हजार क्विंटल चना खरीदा गया। उत्पादन से ज्यादा खरीदी से साफ हो रहा है कि खरीदी में बड़ी साठगांठ चली। सत्यापन में भी हो गया पंजीयन के समय किसानों के भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी राजस्व अधिकारियों, जिनमें पटवारी भी शामिल हैं को सौंपी गई थी। बता रहे हैं कि पंजीयन में ऐसे किसान भी शामिल थे, जिन्होंने सादा चना लगाया ही नहीं, जबकि इनका भौतिक सत्यापन हो गया। सरकारी खरीदी में अफसरों से सांठगांठ कर माल बेचने वालों में केवल व्यापारी ही नहीं कुछ बड़े किसान भी हैं, जो अपने क्षेत्र के छोटे किसानों के पंजीयन पर बाहर से खरीदी कर माल तुलवा गए। ‘प्याज को भी दफनाया था गड्ढे में’ जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम ने बताया कि सरकारी योजनाएं केवल धनाड्य लोगों को लाभ पहुंचा रही है। किसान हितैषी बनने का दावा करने वाली प्रदेश सरकार व्यापारियों को लाभ पहुंचा रही हैं। गौतम ने बताया कि पिछले वर्ष प्याज खरीदी किसी से छिपी नहीं है। उत्पादन से ज्यादा खरीदे गए प्याज की जब जांच की मांग उठी तो सरकारी नुमाइंदों ने सडऩे का बहाना बनाकर बगैर किसी इजाजत के प्याज को गड्ढों में दफना दिया। इस वर्ष भी गेहूं उपार्जन, चना खरीदी आदि में बड़ा गड़बड़झाला हुआ, जिसमें अफसरों से लेकर तुलावटी, व्यापारी सहित किसानों में मोटी साठगांठ हुई। गौतम ने बताया कि जिले का जितना उत्पादन नहीं उससे ज्यादा चना तुल गया, जिससे साफ हो रहा है कि जिले से बाहर व्यापारियों द्वारा खरीदा गया चना भी सरकारी खरीदी में तुल गया। जांच कराएंगे सप्रमाण शिकायत मिली तो जांच करवाएंगे। अब बागड़ ही खेत को खाने लगे, तो क्या कर सकते हैं। फिर भी जांच में जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ पुलिस में प्रकरण दर्ज कराएंगे। -दीपक सिंह, कलेक्टर धार