इस साल खंड वर्षा हावी रही।
धमतरी जिले में वर्षाकाल के चौमासे में मात्र 27 दिन ही बारिश हुई। बारिश के बाद तेज धूप ने भी परेशान किया। फिलहाल धमतरी जिले में 1035 मिमी औसत वर्षा कराने के बाद मानसून लौट गया है। नगरी ब्लाक में सबसे ज्यादा वर्षा हुई। यहां बेलर में 13.38 मिमी, नगरी में 1289 मिमी, कुकरेल में 1080 मिमी, धमतरी में 1010 मिमी, कुरुद में 911 मिमी, भखारा में 822 और मगरलोड में 887 मिमी वर्षा हुई।
मौसम वैज्ञानिक डॉ एचपी चंद्रा ने बताया कि पूरे भारत से
मानसून की विदाई हो गई है। 18 अक्टूबर से हल्की गुनगुनी ठंड का अहसास होने लगेगा, लेकिन मौसम में खास बदलाव नहीं होगा। प्रदेश में न्यूनतम तापमान में 16 अक्टूबर तक मामूली गिरावट संभावित है। अक्टूबर महीने के अंतिम सप्ताह से नमीं के साथ ठंड बढ़ने की संभावना है।
Winter 2024: ओसांक बिंदु से बन रहा ओस
मौसम वैज्ञानिक डॉ एचपी चंद्रा ने कहा कि सुबह हल्की शीत बरस रही है। इसका कारण ओसांक बिंदु (ड्यू प्वाइंट) है। ओसांक बिंदु पर हवा में सापेक्ष आर्र्दता 100 प्रतिशत होती है। यह आर्र्दता का महत्वपूर्ण संकेतक है। ओसांक बिंदु वह तापमान है, जिस पर हवा में मौजूद जलवाष्प संघनित होकर ओस, कोहरा बनाती है। वर्तमान में दिन गर्म और रात में नमीं रहती है। यह तापमान घटने का संकेत है।
राहत : बांधों में भरपूर पानी
जिले में 4 बांध हैं। गंगरेल बांध मुख्यत: कांकेर, केशकाल क्षेत्र के
बारिश से भरता है। इस बार खंड वर्षा के बीच भी गंगरेल लबालब हुआ। गंगरेल बांध में 56.614 टीएमसी पानी की आवक हुई। वर्तमान में गंगरेल बांध में 27.490 टीएमसी पानी है। मुरूमसिल्ली में 5.336 टीएमसी, दुधावा में 8.050 टीएमसी, सोंढूर में 5.395 टीएमसी पानी है।