डॉक्टरों का कहना है कि संभवत: यह प्रदेश का पहला मामला है। वहीं विश्व में इस तरह के करीब 3 सौ केस सामने आ चुके हैं। बता दें कि कांकेर निवासी (CG Hindi News) एक युवक के पेट में असहनीय दर्द होने व दायी जांघ में सूजन आने पर वह धमतरी के नया बस स्टैंड स्थित निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए आया।
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डॉक्टरों की टीम रह गई भौचक्का : जांच के बाद डॉक्टर रोशन उपाध्याय ने हार्निया का फंसा होना व दोनों तरफ के अंडकोष को अनुपस्थित होना पाया। इसकी जानकारी युवक के परिजनों को दी गई। उनकी अनुमति के बाद विशेषज्ञ डॉक्टर रोशन उपाध्याय, डॉ रश्मि उपाध्याय, डॉ प्रदीप देवांगन और डॉ मार्टिन मुकेश की टीम ने ऑपरेशन किया। लेकिन वे इस दौरान भौचक्का रह गए। जब देखा कि उसके पेट में गर्भाशय की थैली है, जबकि अंडकोष दाई तरफ पेट में लटका हुआ था। करीब डेढ़ घंटे की मेहनत के बाद यह ऑपरेशन सफल रहा। यह भी पढ़ें
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…तो हो सकता था कैंसर नर्सिंग होम के संचालक डॉ रोशन उपाध्याय ने बताया कि इस बीमारी को परसिसटेंट मलेरियन डक्ट सिड्रोम (पीएमडीएस) कहते हैं। यह जीन में म्यटेशन परिवर्तन की वजह से होता है। गर्भाशय में दोनों ओर की फेलोपियन ट्यूब तो थी, लेकिन ओवरी (Dhamtari News) नहीं थी। ऑपरेशन कर इसे नहीं निकालने पर कैंसर होने की संभावना अधिक थी। ऐसे होती है पहचान बच्चों के जन्म के बाद अंडकोष का नहीं पाया जाना, जांघ के हिस्से सूजन में होना तथा व्यस्क होने के बाद बांझपन है। डॉ. रोशन उपाध्याय ने बताया कि इसका दुष्परिणाम वृषाणु का कैंसर, बांझपन, हार्निया का फंस जाना आदि हो सकता है इसलिए (Uterus found in youth’s stomach) संबंधित चिकित्सक की सलाह व सोनोग्राफी, एमआरआई और ऑपरेशन करा सकते हैं।