उल्लेखनीय है कि है कि धमतरी जिले में करीब 42 पेट्रोल पंप संचालित हो रहे हैं। बताया गया है कि 1 जुलाई से लेकर 4 जुलाई तक एचपीसीएल के डिपो में साफ्टवेयर अपडेशन का काम चला, जिसके कारण इन दिनों में सप्लाई बंद रही। लंबा समय बीतने के बाद भी अपडेशन का काम (petrol-diesel) अब तक दुरूस्त नहीं हो पाया है। यही वजह है कि जिले के करीब 40 फीसदी पंपों में पेट्रोल और डीजल की किल्लत बनी हुई है।
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अधिक कीमत देकर भरवाना पद रहा पेट्रोल पत्रिका टीम ने नगरी रोड स्थिति पेट्रोल पंप के अलावा 10 अन्य पेट्रोल पंप और नगर पंचायत आमदी स्थित पेट्रोल पंप का जायजा लिया। देखा गया कि अधिकांश पेट्रोल पंपों में डिपो से इसकी समय पर आपूर्ति नहीं होने से किल्लत बनी हुई है। स्थिति यह है कि ग्राहकों को मजबूरी में अधिक कीमत चुकाकर अपने वाहनों में पावर पेट्रोल भरवाना पड़ रहा है। अधिकांश जगहों पर नार्मल पेट्रोल का (petrol price hike) स्टाक समाप्त हो चुका है। उधर डीलरों की मानें तो कोरोना संक्रमणकाल के बाद से अब तक स्थिति में कोई खास सुधार नहीं आया है। जबकि वाहनों की संख्या बढ़ने से पेट्रोल-डीजल की खपत बढ़ी है। ऐसे में डिमांड के अनुसार पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति नहीं होने से डीलरों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। सूत्रों की मानें तो एक पेट्रोल पंप में प्रतिदिन औसतन करीब 8 हजार लीटर डीजल और 5 हजार लीटर पेट्रोल की खपत हो रही है। खपत बढ़ने के चलते डीलर भी एक माह पूर्व (Diesel price hike) एडवांस राशि जमाकर पेट्रोल-डीजल मंगवा रहे हैं, लेकिन इसकी आपूर्ति प्रभावित होने से डीलर समेत आम उपभोक्ताओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
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