मंगलवार को सुबह 9 बजे ग्राम पंचायत मेचका की सरपंच विमला ध्रुर्वा, श्रीधन सोम की अगुवाई में बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राओं और ग्रामीण सड़क में उतर आए और मेचका थाना के पास चक्काजाम कर दिया। उन्होंने बताया कि सोंढूर डैम मार्ग सिंचाई विभाग के तहत आता है, जहां सुप्रीम कोर्ट की टीम के आने से पहले सिंचाई विभाग ने पक्की सड़क में लाल मिट्टी डलवा दिया। यह बारिश होते ही यह सड़क दलदल में तब्दील हो गई। कई बार सिंचाई विभाग को सड़क मरम्मत करने ज्ञापन सौंपा गया। इसके बावजूद आज तक कोई भी इस सड़क निर्माण पर ध्यान नही दिया। इससे आम ग्रामीणों के साथ स्कूली छात्र-छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की मुख्य मार्ग से 3 किमी सोंढूर तक सवारी बस या टैक्सी भी चलना बंद कर दिया है।
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ऐसी स्थिति में ग्रामीणों की सहमति से धरना-प्रदर्शन कर चक्काजाम कर शासन-प्रशासन को जगाने का प्रयास किया गया। समिति के नरेश मांझी व भानू नेताम का कहना है कि अधिकारियों को आम ग्रामीणो के तकलीफों से कोई सरोकार नही है। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारी खुद ही इस किचड़ भरी सड़कों पर चलते है। आज सड़क में दलदल की वजह से स्कूली बच्चे स्कूल नही (Chhattisgarh News) जा पा रहे है। ग्रामीणों का सिधाई के चलते अधिकारी भी मस्त थे। ग्रामीणों के तेवर को देखते हुए तहसीलदार ने तीन दिन के भीतर सड़क में गिट्टी के चिप्स डालकर फिलहाल चलने योग्य बनाने का आश्वासन दिया है। इसके बाद ही ग्रामीण शांत हुए। प्रदर्शनकारियों में संतोष नेताम, फूलसिंग नेताम, डीके यादव, रवि नेताम, परमात्मा कुंजाम समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल थे।
चौथे दिन फिर करेंगे आंदोलन ग्रामीणों ने तहसीलदार से स्पष्ट कह दिया कि यदि तीन दिनों के भीतर यहां सड़क मरम्मत का काम शुरू नहीं हुआ तो चौथे दिन ग्रामीण पुन: सड़क में उतर कर उग्र आंदोलन (Dhamtari Hindi News) के लिए बाध्य होंगे। जब तक निर्माण का कार्य प्रारंभ नही होगा, तब तक नही हटेंगे।