यह भी पढ़ें : केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने कांग्रेस पर किया तीखा हमला, बोले – काम करना नहीं है.. बस नाम चाहिए ग्यारह दिवसीय गणेशोत्सव को लेकर धमतरी में धर्ममय वातावरण निर्मित हो गया है। जगह-जगह सार्वजनिक गणेशोत्सव समितियों द्वारा प्रतिमा स्थापित कर सुबह-शाम विशेष आराधना कर रहे हैं। शहर में एक ऐसी भी उत्सव समिति हैं, जो तालाब में प्रतिमा स्थापित कर हर साल नयनाभिराम झांकी सजाते हैं। इस साल भी आमापारा के बनिया तालाब में सत्यम गणेशोत्सव समिति द्वारा तालाब में भगवान श्रीगणेश जी स्थापित की है। तालाब के किनारे से करीब 65 फीट दूर पानी में स्टेज सजाकर चन्द्रयान की झांकी सजाई है।
यह भी पढ़ें : CG Politics : रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर किया हमला, बोले- गोठानों की दुर्दशा और गोवंशों की मौत पर चुप्पी तोड़े सरकार करीब 15 फीट ऊंचे तथा 7 फीट चौड़ाई वाले यह चन्द्रयान की झांकी देखते ही बन रही है। इसे देखने के लिए शहर समेत दूर-दराज गांवों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। गौरतलब है कि यहां सत्यम गणेशोत्सव समिति की ओर से पिछले 16 सालों से बनिया तालाब के 12 फीट गहरे पानी में गणेशजी स्थापित करते आ रहे हैं।
यह भी पढ़ें : पितृपक्ष 2023 : इस दिन से शुरू होगी पितरों की पूजा, जानिए क्या करना है गलत क्या सही… समिति के अध्यक्ष शैलेन्द्र नाग, उमेश नाग, दिनेश पटेल, पप्पू पटेल, विकास साहू, जीवेश साहू ने बताया कि इसके पहले शहर की ज्वलंत समस्या को देखते हुए बाइपास सड़क की झांकी बनाई थी। इसके अलावा स्वच्छता को लेकर जागरूक करने एक कदम स्वच्छता की ओर झांकी सजाया था। पीएम आवास, समुद्र मंथन, रामसेतु की झांकी सजा चुके है।
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समिति के कार्यकर्ता उत्तम सिन्हा, दीपक सिन्हा, पदुम पटेल ने बताया कि 16 साल पहले उनकी समिति तालाब के किनारे गणेशजी स्थापित करते थे। बड़ी मेहनत कर पंडाल सजाते थे, लेकिन इसे देखने श्रद्धालु नहीं पहुंच पाते थे। इसे लेकर समिति के कार्यकर्ता भी उदास हो जाते थे। तब से लेकर अब तक नवाचार करते हुए बनिया तालाब के गहरे पानी में नयनाभिराम झांकी सजा रहे हैं। आज धमतरी में इसे तरिया के गणेश के नाम से ख्याति मिली है। धमतरी के साथ ही पड़ोसी जिले दुर्ग, बालोद, कांकेर, महासमुंद, रायपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां गणेशजी का दर्शन करने पहुंचते हैं।
समिति के कार्यकर्ता उत्तम सिन्हा, दीपक सिन्हा, पदुम पटेल ने बताया कि 16 साल पहले उनकी समिति तालाब के किनारे गणेशजी स्थापित करते थे। बड़ी मेहनत कर पंडाल सजाते थे, लेकिन इसे देखने श्रद्धालु नहीं पहुंच पाते थे। इसे लेकर समिति के कार्यकर्ता भी उदास हो जाते थे। तब से लेकर अब तक नवाचार करते हुए बनिया तालाब के गहरे पानी में नयनाभिराम झांकी सजा रहे हैं। आज धमतरी में इसे तरिया के गणेश के नाम से ख्याति मिली है। धमतरी के साथ ही पड़ोसी जिले दुर्ग, बालोद, कांकेर, महासमुंद, रायपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां गणेशजी का दर्शन करने पहुंचते हैं।