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Diwali 2024: इस बार फीकी रहेगी किसानों की दिवाली, सामने आई यह बड़ी वजह

Diwali 2024: इस साल 14 नवंबर से धान की खरीदी समर्थन मूल्य में शुरू होगी। धान की अच्छी कीमत और बोनस मिलने से किसान समर्थन मूल्य में ही धान बेचेंगे। ऐसे में इस साल दीपावली पर्व में उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा।

धमतरीOct 19, 2024 / 03:12 pm

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Diwali 2024: खरीफ सीजन में करीब 1.38 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों ने धान की फसल ली है। वर्तमान में अरली वैरायटी की धान पककर तैयार है। वहीं माई किस्म के धान को अभी पकने में 30 दिन और समय लगेगा। तैयार फसल की हार्वेस्टर से कटाई शुरू हो गई है।
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किसान धान को ब्यारा में सुखा रहे हैं। समर्थन मूल्य में खरीदी होने से अधिकांश किसान अब धान खरीदी प्रारंभ होने का इंतजार कर रहे हैं। किसान नरेन्द्र साहू, विमल देवांगन, परमेश्वर ठाकुर ने बताया कि 20 दिन बाद दिवाली पर्व है। किसान पूरी तरह से खेती-किसानी पर निर्भर रहता है। धान बेचने के बाद ही वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। दिवाली पर्व के चलते किसान जरूरत की पूर्ति के लिए मंडी में धान बेचने विवश है।
इस साल 14 नवंबर से धान की खरीदी समर्थन मूल्य में शुरू होगी। धान की अच्छी कीमत और बोनस मिलने से किसान समर्थन मूल्य में ही धान बेचेंगे। ऐसे में इस साल दीपावली पर्व में उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा। जबकि छोटी दिवाली का पर्व वे हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे। इसके लिए अभी से किसानों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। ग्राम खपरी, भानपुरी, तरसीवां, नगर पंचायत आमदी, भोथली, कंडेल में किसान अरली वैरायटी की धान की फसल की कटाई करा रहे हैं।

कृषि उपज मंडी में धान की आवक शुरू

दिवाली पर्व के मद्देनजर अब किसान अपनी उपज बेचने के लिए श्यामतराई स्थित कृषि उपज मंडी पहुंच रहे हैं। यहां 17 अक्टूबर को 806 कट्टा धान की खरीदी की गई। आईआर-64 और 1010 प्रति क्विंटल 2145 रूपए के भाव से बिका। इसी तरह 1001 प्रति क्विंटल 2125, गोल्डन शांभा 2400, ओमथ्री 2460 और पाखड़ धान 1700 प्रति क्विंटल के भाव से बिका है।

पिछले साल की तुलना में ज्यादा होगा उत्पादन

कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 17 अक्टूबर की स्थिति में जिले के करीब 20 प्रतिशत धान की फसल की कटाई हो चुकी है। अच्छी उपज के लिए अधिकांश किसानों ने लेट किस्म, जिसमें सरोना वैरायटी का धान लगाया है। यह धान 150 दिन का होता है, इसलिए फसल को पकने में 20 से 25 दिन का समय और लगेगा। मौसम अनुकूल होने से फसल में बीमारी कम लगी है, इसलिए पिछले साल की तुलना में अधिक उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है।

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