Elephant Terror in CG : बताया गया है कि जब गरियाबंद जिले से हाथियों का दल रात में रिसगांव के करका होते अरसीकन्हार रेंज के संदबहारा पहुंचा, तो वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को सजग किया। बोईरगांव में ग्रामीण रात को ही घरों को छोड़ छतों पर चढ़ गए। रातभर रतजगा करते रहे। ग्रामीणों को अपनी घर व फसल की चिंता सताती रही। सोमवार को दोपहर में यह दल संदबाहरा के जंगल में विचरण कर रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले तीन सालों से यह क्षेत्र हाथियों का रहवास क्षेत्र बन गया है। बारिश लगते ही हाथी यहां से चले जाते है और धान की फसल तैयार होते ही फिर आ धमकते हैं। वन विभाग की टीम सिर्फ गांवों में मुनादी कर सचेत करती है। हाथियों के गांव और खेतों में घुसने से रोकने के लिए अब तक कोई विकल्प तैयार नहीं किया जा सका।
धान और मक्का को होता है नुकसान
Elephant Terror in CG : नगरी-सिहावा वनांचल के गांव गाताबाहरा,चमेदा, खल्लारी, मासूलखोई, रिसगांव, साल्हेभाट, संदबहारा, करखा, करही के ग्रामीणों का कहना है कि अभ्यारण क्षेत्र में कोई भी रोजगार का साधन नही है। ऐसे में यहां के ग्रामीण सिर्फ धान व मक्का के फसल पर ही निर्भर रहते है। धान की फसल तैयार होने के बाद हाथी इन्हे नुकसान पहुंचाते है। उसके बाद मक्का की फसलों को चौपट करते है और मुआवजा से भी क्षति की पूर्ति नही हो पाती।
Elephant Terror in CG : नगरी-सिहावा वनांचल के गांव गाताबाहरा,चमेदा, खल्लारी, मासूलखोई, रिसगांव, साल्हेभाट, संदबहारा, करखा, करही के ग्रामीणों का कहना है कि अभ्यारण क्षेत्र में कोई भी रोजगार का साधन नही है। ऐसे में यहां के ग्रामीण सिर्फ धान व मक्का के फसल पर ही निर्भर रहते है। धान की फसल तैयार होने के बाद हाथी इन्हे नुकसान पहुंचाते है। उसके बाद मक्का की फसलों को चौपट करते है और मुआवजा से भी क्षति की पूर्ति नही हो पाती।
40 से ऊपर संख्या
Elephant Terror in CG : उल्लेखनीय है कि लगभग तीन साल हो गए यहां सीकासेर दल की हाथियों का जमवाडा है। उनकी संख्या करीब 32 से 33 है। दूसरी ओर से ग्रामीणों का कहना है कि 40 से ऊपर है। इसमें कुछ बच्चे भी है। इसमें से कुछ जो दंतैल हाथी है, वह काफी नुकसान पहुंचाते हैं।
Elephant Terror in CG : उल्लेखनीय है कि लगभग तीन साल हो गए यहां सीकासेर दल की हाथियों का जमवाडा है। उनकी संख्या करीब 32 से 33 है। दूसरी ओर से ग्रामीणों का कहना है कि 40 से ऊपर है। इसमें कुछ बच्चे भी है। इसमें से कुछ जो दंतैल हाथी है, वह काफी नुकसान पहुंचाते हैं।