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गौरतलब है कि जिलेवासियों को बेहतर इलाज की सुविधा प्रदान करने के लिए शासन की ओर से 250 बिस्तर वाले जिला अस्पताल की स्थापना की है। इसके साथ ही यहां डायलिसिस, सिटी स्कैन, एक्स-रे और सोनोग्राफी मशीन लगाकर सुविधाओं को बढ़ाया गया, लेकिन यहां आवश्यकता के अनुसार रेडियोग्राफर और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं होने से यहां कार्यरत कर्मचारियों पर काम का दबाव बढ़ गया है। पत्रिका टीम नेे जिला अस्पताल का जायजा लिया। देखा गया कि यहां एक्स-रे और सोनाग्राफी कराने के लिए मरीजों की भीड़ लगी थी।
सोनोग्राफी और एक्स-रे कक्ष के बाहर बैठकर वे अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। मरीज के परिजन प्रीतम सिन्हा, परमानंद सोनकर ने बताया कि भीड़ ज्यादा होने के चलते मरीजों को बाहर ही प्रतीक्षा करना पड़ रहा है। बताया गया है कि सोनोग्राफी, एक्स-रे और सिटी स्कैन के लिए जरूरी कर्मचारियों की निुयक्ति नहीं की गई है। ऐसे में पहले से कार्यरत रेडियोग्राफर से ही काम चलाया जा रहा है। यही वजह है कि एक साथ ड्यूटी लगने से मरीजों को परेशानी हो रही है। जानकारी के अनुसार 6 माह में करीब 520 लोगों का सिटी स्कैन किया गया है। वहीं प्रतिदिन औसतन 25 से 30 मरीजों का सोनोग्राफी हो रहा है। ऐसे में कर्मचारियों की कमी से कार्य प्रभावित हो रहा है।
District Hospital: इन कर्मचारियों की है जरूरत
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल में रेडियोग्राफर-2, इलेक्ट्रीशियन 1, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी-2, स्वीपर-4, ड्रेसर -2 के अलावा सिस्टर-1 सहित अन्य कर्मचारियों की जरूरत है। यदि इनकी नियुक्ति कर दी जाती है, तो जिला अस्पताल का कार्य सुचारू रूप से संचालित हो सकता है।
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इसलिए लटका है नियुक्ति का मामला
प्रदेश में भाजपा की सरकार काबिज हो चुकी है। ऐसे में पुरानी जीवन दीप समिति को भंग कर नई सीमिति गठित की जाएगी। समिति के सदस्य ही आवश्यकतानुसार अस्पताल में कर्मचारियों की नियुक्ति कर सकते हैं। बहरहाल नियुक्ति का मामला अभी अधर में लटका हुआ है।
सिविल सर्जन डॉ एके टोंडर का कहना है कि नई सीमिति गठित होने के बाद समिति के सदस्यों के बीच पुराने प्रतिवेदन को रखा जाएगा। अस्पताल में कर्मचारियों की नियुक्ति का फैसला समिति ही करेगी।