योजनाओं पर काम बाकी
गौरतलब है कि वर्ष-2014 में तत्कालीन नगर पालिका का उन्नयन कर 36 वार्डों को 40 वार्ड में वृद्धि करते हुए नए परिसीमन कर नगर निगम का गठन किया गया था। इसके पूर्व वर्ष-1976 में नगर पालिका में राज्य शासन ने शहर से लगे गांव सोरिद, बठेना, दानीटोला गांव, हटकेशर, गोकुलपुर आदि को शामिल कर शहरीय सीमा का विस्तार किया था। इन 4४ सालों में यहां अनेक विकास योजनाओं को मूर्तरूप दिया गया, इसके बावजूद अब भी कई ऐसी बड़ी योजनाएं हैं, जिनका काम अभी बाकी है।
6 वार्ड बढ़ जाएंगे
गौरतलब है कि तत्कालीन महापौर अर्चना चौबे के कार्यकाल में धमतरी शहर को स्मार्ट सिटी का लुक देने के लिए निकट के तीन ग्राम पंचायतों रत्नबाांधा, अर्जुनी और रूद्री को धमतरी में जोड़ने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। यदि ये तीनों गांव शहर में जुड़ जाते हैं, तो यहां 6 वार्ड और बढ़ जाते।
शहर की तरह मिलने लगेगी सुविधा
निगम सूत्रों के मुताबिक वर्तमान में ग्राम पंचायत अर्जुनी की आबादी करीब 3 हजार है। यहां कुल 20 वार्ड है। इसी तरह रत्नाबांधा की आबादी भी करीब 35 सौ है। यहां 14 वार्ड है। इन दोनों ग्राम पंचायतों से अर्जुनी बड़ा है। यहां की आबादी करीब 5 हजार तथा 20 वार्ड है। यदि ये तीनों गांव शहर से जुड़ जाते हैं, तो शहर की आबादी बढ़कर करीब 1 लाख 20 हजार तक पहुंच जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि ग्रामीणों को शहर जैसी सुविधाएं मिलने लगेंगी। साथ ही निगम प्रशासन को यहां अनेक विकास योजनाओं को विस्तार करने के लिए जगह मिल जाएगी।
क्या कहते हैं लोग
भाजपा अध्यक्ष शशि पवार ने कहा, नगर निगम प्रशासन की ओर से हर साल अपने बजट में गोकुल नगर, हाईटेक बस स्टैंड, ट्रांसपोर्ट नगर, औद्योगिक नगर जैसी जनकल्याणकारी योजनाएं बनाई जाती है, लेकिन जगह के अभाव में ये योजनाएं जमीन पर नहीं उतर पाती। ऐसे में वक्त की नजाकत को देखते हुए धमतरी शहर का सीमा विस्तार किया जाना चाहिए।