CG Weather Update: हल्की से मध्यम बारिश की संभावना
मौसम वैज्ञानिक इसे नार्मल बता रहे हैं। मौसम वैज्ञानिक डॉ एचपी चंद्रा ने बताया कि अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े से मौसम की विदाई शुरू हो जाती है। अब तक देश के सिर्फ बिहार से ही मौसम की वापसी हुई है। मध्यप्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों में अभी भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। छत्तीसगढ़ से मौसम की विदाई 12-13 अक्टूबर के बाद संभावित है। इसी बीच देशभर में
मौसम के वापसी का सिलसिला शुरू होने की संभावना है। गंगरेल बांध प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। इस बांध पर प्रदेशभर की नजर टिकी रहती है। गर्मी में इस साल बांध सबसे ज्यादा सूखा। बारिश का एक महीना बीतने के बाद भी 21 जुलाई की स्थिति में गंगरेल बांध में 6.594 टीएमसी कुल जलभराव था।
जिले के चारों बांधों की स्थिति बदली
इसमें से उपयागी जल सिर्फ 5.62 फीसदी था। मुरूमसिल्ली, दुधावा, सोंढूर का भी यही हाल था। गंगरेल बांध वैसे कांकेर, चारामा, केशकाल में होने वाली बारिश से ही भरता है। उक्त क्षेत्रों में अच्छी बारिश के चलते जिले के चारों बांधों की स्थिति बदल गई। अगस्त-सितंबर में ही जिले के सभी बांध 74 से 82 फीसदी तक भर गए। यही नहीं गंगरेल बांध के तीन बार गेट भी खोलने पड़े। वर्षाकाल में इस साल सिर्फ गंगरेल बांध में ही 56.614 टीएमसी पानी की आवक हुई। वर्तमान में गंगरेल बांध में 27.493 टीएमसी कुल जलभराव है। (CG Weather Update) जबकि बांध से इस सीजन में 34.842 टीएमसी पानी छोड़ा जा चुका है। बांधों की अच्छी स्थिति से किसानों सहित आम नागरिकों में प्रसन्नता है।
बांध क्षमता जलभराव फीसदी
गंगरेल 32.150 27.493 82 मुरूमसिल्ली 5.839 05.336 91 दुधावा 10.192 8.070 78 सोंढूर 6.995 5.397 74
टेम्प्रेचर में बदलाव नहीं आने के ये हैं कारण
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि पानी टेम्प्रेचर को होल्ड करके रखता है। वर्तमान में वातावरण और जमीन में नमीं बनी हुई है, इसलिए टेम्प्रेचर में खास बदलाव की उम्मीद नहीं है। साथ ही उत्तर से शुष्क हवा आनी चाहिए। यह क्रिया भी नहीं हो रही। पिछले वर्ष अक्टूबर में टेम्प्रेचर गिर गया था। नमीं के कारण गुनगुनी ठंड शुरू हो गई थी। फिलहाल छत्तीसगढ़ में 15 अक्टूबर तक ठंड पड़ने की उम्मीद नहीं है।
15 जून से 15 अक्टूबर तक वर्षाकाल माना जाता है। इस साल 21 जून को मानसून
धमतरी पहुंचा। वर्षाकाल में अब तक जिले में 1031.8 मिमी वर्षा हुई है। चौमासे में लगभग 35 से 40 दिन बारिश हुई, लेकिन भू-अभिलेख शाखा 2.5 मिमी से कम बारिश वर्षा नहीं मानती। इस तरह अब तक जिले में सिर्फ 27 दिन ही बारिश हुई। खंड वर्षा ने इस बार खूब परेशान किया। तेज बारिश का दौर इस साल काफी कम देखने को मिला।
सावन-भादो में ही हुई बारिश
CG Weather Update: धमतरी जिले में मानसून इस वर्ष 21 जून को पहुंच गया, लेकिन पखवाड़े भर तक बारिश नहीं हुई। सावन के अंतिम चार दिन और भादो के 7 दिन की बारिश से वर्षा का कोटा पूरा हुआ। बारिश के मामले में इस बार नगरी ब्लाक आगे रहा। बेलर तहसील में सर्वाधिक 1338 मिमी, नगरी में 1289 मिमी, कुकरेल में 1087 मिमी, धमतरी में 1010 मिमी, कुुरुद में 911 मिमी, भखारा में 822 मिमी और मगरलोड में सबसे कम 787 मिमी वर्षा हुई।