दरअसल, कुरुद में 18 सितंबर को जिले में एक 4 साल की बच्ची से रेप की गई। परिजनों की रिपोर्ट पर नाबालिग को बाल संप्रेषण गृह भेजा गया। इधर मासूम बच्ची दर्द से कराहती रही। परिजन सप्ताह भर तक इलाज के लिए भटके। दुर्भाग्य है कि 4 दिनों तक बच्ची तक सोनोग्राफी तक नहीं हो सका। इससे व्यथित बच्ची की मां बेहोश हो गई, जिसे कुरुद सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया है। इधर कलेक्टर नम्रता गांधी के हस्तक्षेप बाद गुरूवार को जिला अस्पताल में बच्ची का इलाज शुरू हुआ और सोनोग्राफी भी कराई गई। बच्ची की देखरेख चार विशेषज्ञ डॉक्टर कर रहे हैं। फिलहाल बच्ची खतरे से बाहर है।
बच्ची के परिजनों ने बताया कि 18 सितंबर को उसकी बच्ची के साथ नाबालिग आरोपी ने वहशीपन किया। पुलिस ने आरोपी को बाल संप्रेषण गृह भेज दिया है, लेकिन परिवार की माली हालत के चलते उच्चस्तरीय इलाज बच्ची को नहीं दिला पा रहे। परिजनों ने बताया कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट में टांका लगा है। इलाज के दौरान 6 अक्टूबर से भटक रहे। जिला अस्पताल लेकर आए, लेकिन यहां सोनोग्राफी नहीं हो पाया इसलिए उसे कुरुद सिविल अस्पताल ले गए।
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