CG leopard Attack: 4 जुलाई शाम 7 बजे की घटना
CG Leopard Attack: ऋतिक के पिता योगेश ने बताया कि रविवार, चार जुलाई की शाम करीब सात बजे, ऋतिक अपने घर के बाड़ी में खेल रहा था। थोड़ी देर बाद जब वह वापस नहीं आया तो परिवार वालों ने उसे ढूंढना शुरू किया। लेकिन ऋतिक का कहीं पता नहीं चला, जिससे परिवार में हड़कंप मच गया। परेशान परिजनों ने तुरंत सिहावा थाने में बच्चे के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घर के आसपास तेंदुआ के पैरों के निशान पाए गए। इससे यह आशंका मजबूत हुई कि तेंदुआ ही बच्चे को उठाकर ले गया होगा। इसके बाद से पुलिस, वन विभाग और बच्चे के परिजन उसकी तलाश में जुट गए।
लगभग 40 घंटे बाद, ऋतिक के सिर और पैरों में पहने हुए पायल के अवशेष गांव से करीब दो सौ मीटर दूर पहाड़ियों पर मिले। पायल को देखकर परिजनों ने बच्चे की पहचान की। मौके पर एसडीओ एस.एस. नाविक, रेंजर दीपक गावड़े और अन्य पुलिस एवं वन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
तेंदुआ का ये है पसंदीदा इलाका
यह क्षेत्र पहाड़ियों से घिरा हुआ है और इसे तेंदुआ का पसंदीदा इलाका माना जाता है। इलाके के कई गांवों में तेंदुआ के दिखाई देने और शिकार करने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं, जिससे लोगों में भय बना हुआ है। इस घटना के बाद से इलाके में दहशत और भी बढ़ गई है, और ग्रामीण प्रशासन से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की मांग कर रहे हैं। रायपुर डीएफओ लोकनाथ पटेल ने बताया कि घर से थोड़ी दूर में झाड़ियों के पास बच्चे का कटा सिर मिला है। सिर के अवशेष को माता-पिता ने पहचान लिया है। सिहावा पुलिस पंचनामा कर सिर के अवशेष को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही शरीर के अन्य अंगों की तलाश की जा रही है।