जिले के सिहावा विधानसभा क्षेत्र में 78.97 प्रतिशत मतदान हुआ है। धमतरी जिले के हिसाब से यहां सर्वाधिक मतदान हुआ। मतदान के पूर्व नक्सल प्रभावित अनेक गांवों में नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी देकर दहशत फैलाया था। सिहावा क्षेत्र के 259 बूथों में से 128 बूथ नक्सल मामले में संवेदनशील थे। सिर्फ चंदनबाहरा ऐसा बूथ रहा, जहां 177 में से 175 मतदाता वोट डालने नहीं पहुंचे। ये सभी चंदनबाहरा के ही निवासी हैं। नक्सली दहशत के चलते लोग मतदान करने नहीं निकले।
51 प्रतिशत हुआ मतदान निर्राबेडा, चंदनबहरा और घोरागांव के 540 मतदाताओं को निर्राबेड़ा बूथ में मतदान करना था। यहां 51.8 प्रतिशत मतदान हुआ। करीब 280 मतदाताओं ने मतदान किया। इसमें महिला मतदाता 145 और पुरुष 135 शामिल है। 278 मतदाता निर्राबेड़ा और घोरागांव के है। चंदनबाहरा के सिर्फ दो लोगों ने वोट डाले। ये दोनों वोटर दंपत्ति है और पिछले कुछ समय से नगरी में निवास कर रहे हैं।
सड़क और लाल आतंक से जूझ रहे चंदनबाहरा के ग्रामीण इन दिनों लाल आतंक और सड़क की समस्या से जूझ रहे हैं। इस गांव में नक्सलियों की आमद रत की खबर आती रहती है। जुलाई-2021 में दर्जनभर नक्सलियों ने गांव में घुसकर 46 वर्षीय ग्रामीण को घर से उठा लिया और महावीर चौक में ले जाकर उसकी हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद से ग्रामीणों में लाल आतंक का भारी खौफ है। इस क्षेत्र में लगातार दुर्दांत नक्सली सत्यम गावडे़ और टिकेश ध्रुव की टीम की चहल-कदमी सुनाई देते रहती है।
फोर्स की थी तैनाती, फिर भी रही दहशत पुलिस की तगड़ी व्यवस्था के चलते टाइगर रिजर्व समेत वनांचल के बूथों में जमकर मतदान भी हुआ। घोर नक्सल प्रभावित गांवों में भी फोर्स की तैनाती रही। जंगल क्षेत्रों में सर्चिंग भी की गई। मतदान से कुछ दिन पहले एकावारी में मुठभेड़ भी हुई थी। नक्सली चुनाव प्रभावित करने के फिराक में थे।
कलेक्टर नम्रता गांधी ने कहा कि जिले में मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। निर्राबेड़ा में तीन गांव चंदनबाहरा, घोरागांव और निर्राबेड़ा के मतदाताओं के लिए बूथ बनाया था, जिसमें 51 फीसदी मतदान हुआ है। चंदनबाहरा के 2 मतदाताओं ने भी मतदान किया। शेष लोग वोट क्यों नहीं डाले, इसकी जानकारी ले रहे हैं।