दरअसल बीते रविवार 24 नवंबर को अर्जुनी जेल में बंद विचाराधीन बंदी पंचराम को पेट में दर्द होने पर जिला अस्पताल इलाज के लिए लाया गया। डाक्टर ने चेकअप करने के बाद बंदी का ईसीजी कराने कहा। इस बीच बंदी पंचराम लघु शंका जाने की इच्छा जाहिर की। हाथ में हथकड़ी बंधा था। चाबी प्रहरी के जेब में थी। शौचालय के भीतर ही बंदी ने बिना चाबी हथकड़ी खोलकर वहां से फरार हो गया। इधर काफी देर तक बंदी के इंतजार में खड़े प्रहरी को शंका हुई और जाकर देखा तो बंदी शौचालय से फरार हो गया था। इधर इस लापरवाही को लेकर जेल विभाग ने प्रहरी जनार्दन भोई को निलंबित कर दिया है।
जेल प्रहरी पर गिरी गाज
वहीं जब इस घटना की शिकायत सहायक जेलर एन के डहरिया ने थाना सिटी कोतवाली में लिखवाई. जिस के बाद कैदी की तलाश की जा रही है। विचाराधीन बंदी पंचूराम निषाद को प्रहरी जनार्दन भोई द्वारा इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया था और बंदी फरार हो गया। इस मामले को लेकर तत्काल ही प्रहरी जनार्दन भोई को सस्पेंड कर दिया गया और आगे की कार्रवाई की जा रही है। वहीं इस पूरे मामले पर प्रहरी की रिपोर्ट पर थाना सिटी कोतवाली में कैदी पंचूराम निषाद के खिलाफ बीएनएस की धारा 262 के तहत अपराध दर्ज किया गया है और कैदी की पड़ताल की जा रही है।जिला जेल के पास नहीं है खुद की गाड़ी
जिला जेल धमतरी के पास मरीजों को लाने-ले-जाने के लिए खुद की गाड़ी नहीं है। बंदियों को पेशी के लिए न्यायालय ले जाने के लिए पुलिस विभाग की गाड़ी मांगनी पड़ती है। साथ ही किसी बंदी की तबियत बिगड़ जाए तो स्वास्थ्य विभाग के एंबुलेंस को बुलानी पड़ती है। पूर्व में ई-रिक्शों से बंदियों को उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया जा रहा था। पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद उच्च कार्यालय से इस पर प्रतिबंध लगाया गया। इधर सहायक जेलर का कहना है कि जेल के लिए एक वाहन की मांग पूर्व में भी कर चुके हैं। रिमांइडर कर रहे हैं। कई बार वाहन के अभाव में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह भी पढ़ें
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तीन जिलों में 14 चोरी का है आरोपी
विचाराधीन बंदी पंचराम निषाद मूलत: रायपुर जिले के चंदली थाना चंद्रपुर का निवासी है। बिरेझर पुलिस ने 15 सितंबर को पंचराम को चोरी, धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। पंचराम पर 14 धोखाधड़ी का आरोप है। आरोपी बड़ी चालाकी से लोगों को कम कीमत में छड़, सीमेंट बेचने के बहाने झांसे में लेकर चोरी-धोखाधड़ी की घटना को अंजाम देता था। फिलहाल यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। बता दें कि आरोपी पंचराम बालोद, दुर्ग, धमतरी जिले की पुलिस को चोरी-धोखाधड़ी के मामले में छका दिया था। ले-देकर बिरेझर पुलिस ने आरोपी को पकड़ने में सफलता हासिल किया था। इधर आरोपी जेल पहुंचने के बाद भी शातिरगिरी करते रहा और मौका मिलते ही रविवार को प्रहरी को चकमा देकर फरार हो गया। जेल में आरोपी ने 70 दिन बिताया और एक बार फिर भागकर पुलिस के लिए मुसीबत बन गया है।
जेल से एक बंदी के भागने की सूचना थाने को मिली है। हमने बंदी के खिलाफ धारा 262 के तहत एफआईआर दर्ज कर खोजबीन शुरू कर दी है। पूर्व में बिरेझर पुलिस ने इसे चोरी-धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था। राजेश मरई, टीआई कोतवाली
रविवार को बंदी पंचराम के पेट में ज्यादा दर्द होने पर उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। यहां हथकड़ी खोलकर प्रहरी को चकमा देकर भागने में सफल हो गया। इस लापरवाही के लिए प्रहरी जनार्दन भोई को निलंबित कर दिया गया है। आगे जांच भी चल रही है। एनके डहरिया, सहायक जेलर जिला जेल