धमतरी

सरकारी चावल की कालाबाजारी, अफसरों की मिलीभगत से चल रहा ये खेल

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में सरकारी चावल की जमकर कालाबाजारी (Black marketing of PDS rice) हो रही है। राशन कार्डधारियों से चावल लेकर उसे खुले बाजार में बेचने का धंधा काफी दिनों से चल रहा है।

धमतरीSep 15, 2021 / 07:54 pm

Ashish Gupta

ration cards : देशभर में 1.29 करोड़ राशन कार्ड रद्द

धमतरी. छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में सरकारी चावल की जमकर कालाबाजारी (Black marketing of PDS rice) हो रही है। राशन कार्डधारियों से चावल लेकर उसे खुले बाजार में बेचने का धंधा काफी दिनों से चल रहा है। अब हद यह हो गई है कि खाद्य विभाग का एक अधिकारी ही सेल्समेनों के साथ सांठगांठ कुछ दलालों के माध्यम से चावल की कालाबाजारी कर इसे राइस मिलों में पहुंचा रहा है। इसकी शिकायत नान के चेयरमैन रामगोपाल अग्रवाल से भी की गई है।
उल्लेखनीय है कि जिले में 1 लाख 97 हजार परिवारों को सस्ता राशन उपलब्ध कराने के लिए जिलेभर में कुल 394 राशन दुकानें संचालित है। शासन की योजना के मुताबिक यहां अंत्योदय, निराश्रित, अन्नपूर्णा, प्राथमकिता वाले तथा नि:शक्तजनों को सस्ते दर पर चावल, शक्कर, मिट्टी, दाल आदि सामग्रियां उपलब्ध कराया जाता है।
योजना के तहत करीब 30 हजार एपीएल परिवारों को भी जोड़ा गया है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बीपीएल परिवार तो राशन ले जाते हैं, लेकिन एपीएल परिवार राशन लेने के लिए नहीं पहुंचते। ऐसी स्थिति में राशन सामग्रियों की कालाबाजारी जमकर हो रही है। शहर में इसकी सबसे ज्यादा शिकायतें टिकरापारा, रिसाईपारा, नयापारा, जालमपुर, आमापारा, मराठापारा, सुंदरगंज, औद्योगिक वार्ड स्थित राशन दुकानों से मिल रही है।
गौरतलब है कि गरीबों को सस्ता राशन उपलब्ध कराने के लिए शासन की ओर से राष्ट्रीय खाद्यान्न योजना शुरू की गई है। इसके तहत बीपीएल श्रेणी के पात्रता रखने वाले हितग्राहियों को अलग-अलग योजना के तहत सस्ते दरों पर चावल, शक्कर और मिट्टी तेल प्रदान किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य गरीबों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराना है।
एक जानकारी के अनुसार जिले में करीब 1 लाख 97 हजार राशनकार्डधारी हितग्राही है। बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं को प्रति सदस्य 7 किलो के मान से चावल, शक्कर और मिट्टी तेल प्रदान किया जा रहा है। 3 सदस्य से अधिक होने पर 35 किलो चावल, 1.200 किग्रा शक्कर और 2 लीटर मिट्टी तेल प्रदान किया जाता है, लेकिन उनके हिस्से का अधिकांश राशन की कालाबाजारी हो रही है।
सूत्रों के अनुसार बीपीएल कोटे का चावल 17 रुपए में खरीद कर उसे 20 रुपए में बेच रहे हैं। ऐसी जानकारी मिली है कि अधिकांश राशन दुकानों से एपीएल कार्डधारी चावल नहीं ले जाते। वे राशन दुकानों में आते हैं और फिंगर प्रिंट देने के बाद 18 रुपए की दर से चावल का पैसा ले लेते हैं। बाद में इसे दलाल के माध्यम से राशन मिलों में 21 रुपए में बेच दिया जाता है। इसमें एक खाद्य अधिकारी की संलिप्ता की खबर है। विदित हो कि पूर्व में इसका ट्रांसफर हो गया था, लेकिन उसने कांग्रेस के एक नेता के एप्रोच के सहारे अपना ट्रांसफर रूकवा लिया। अब वह खुलकर चावल की कालाबाजारी कर रहा है।

अधिकांश दुकानों में नहीं लगे कैमरे
खाद्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक जिले के 401 राशन दुकानों में सीसी टीवी कैमरा लगाने का काम राज्य स्तर पर किया जा रहा हैं, लेकिन चार महीने में सिर्फ 200 दुकानें ही कैमरे से लैस हुई है। धमतरी शहर की सभी 29 दुकानों में कैमरा लग चुका है। कुरूद में 70 दुकानें कैमरे की जद में है, लेकिन नगरी और मगरलोड की अधिकांश राशन दुकानों में अभी तक कैमरे नहीं लगे है।

सिर्फ नाम की निगरानी समिति
शासन के आदेश पर सभी राशन दुकानों में निगरानी समिति बना दी गई है। इसमें सरपंच/पार्षद के अलावा बस्ती के गणमान्य नागरिकों को शामिल किया गया है। समय-समय पर वे दुकानों में पहुंचकर स्टॉक मिलान, रजिस्टर आदि की पड़ताल किया जाना है, लेकिन निगरानी नहीं हो पा रही। शायद यह भी एक वजह है कि खाद्य सामग्री की कालाबाजारी को बढ़ावा मिला है।

खाद्य निरीक्षक नरेश पिपरे ने कहा, राशन दुकानों की लगातार मानिटरिंग की जा रही है। जिले में अब तक कहीं से भी राशन गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिली है।

(अब्दुल रज्जाक की रिपोर्ट)

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