उल्लेखनीय है कि इस साल मानसून लेट से आने से पहले से किसान खेती-किसानी के काम में पिछड़ गए हैं। पहले मई के महीने में ही प्री-मानसूनी बारिश हो जाती थी, जिससे किसान खेती कार्य में जुट जाते थे, लेकिन इस साल जून महीने के अंतिम सप्ताह (dhamtrai news) में प्री-मानसूनी बारिश हुई। लगातार तीन दिनों तक आसमान बादलों से ढंका रहा। रूक-रूककर अच्छी बारिश हुई है, जिसने खेती लायक धमतरी की प्यास बुझा दी है। यही वजह है कि अब किसान धान की बोनी में जरा भी देर करना नहीं चाहते। मौसम को देखते हुए सुबह से ही किसान खेती की तैयारी में जुट जा रहे हैं।
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अधिकारी कर रहे बैठकों का आयोजन कृषि विभाग के अनुसार इस साल खरीफ सीजन में कुल 1 लाख 42 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोनी का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में सुगंधित फसल लिया जाएगा। कोदो कूटकी की बोनी की जाएगी। इसके अलावा 65 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोता बोनी की तैयारी हैं। कृषि विभाग के अधिकारी इन दिनों गांव-गांव में बैठकों का आयोजन कर किसानों को कौन का फसल लगाना है, इसके लिए मार्गदर्शन कर रहे हैं। ग्राम भोथा (बोरसी) के किसान रामकुमार सोनवानी, साल्हेभाट के रोहित दास मानिकपुरी, बलियारा के सुदर्शन ध्रुव तथा कोड़ेगांव-बी के किसान रामनिहोरा निषाद ने बताया कि देर से ही सही, लेकिन मानसून के आने से किसानों के चेहरे खिल गए है। बोनी में किसान अब और ज्यादा लेट करना नहीं चाहते, इसलिए तत्काल बोनी कर खाद का छिड़काव करने की तैयारी (cg news) कर ली है। किसानों ने जिला प्रशासन से सोसाइटियों में पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने की गुहार भी लगाई है।