घने जंगलों के बीच मां ब्रह्मचारिणी का प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। मान्यता है कि ये एक चमत्कारी मंदिर है। दूर-दूर से उदास और नाउम्मीद हुए श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और सुख-शांति की मन्नत मांगते हैं। लेकिन कभी खाली हाथ नहीं जाते। आम दिनों में भी यहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में माता के दर्शन के लिए आते हैं और जीवन में सुख-शांति की मन्नत मांगते हैं।
एमपी में यहां है मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर
मध्यप्रदेश के देवास जिले में माता ब्रह्मचारिणी का दिव्य मंदिर मौजूद है। घने जंगल और कच्चे रास्तों के बावजूद रोजाना भक्त माता के दर्शन के लिए यहां पहुंचते है। देवास के बेहरी से लगभग 2 किलोमीटर दूर कच्चे रास्तों से होते हुए मंदिर तक पंहुचा जाता है। यहां माता किसी भव्य मंदिर में नहीं, बल्कि पेड़ों के नीचे विराजी हैं। पेड़ों के नीचे ही भक्त भी मां के दर्शन करते हैं और उनसे मन की व्यथा कहते हैं।बगोई माता नाम से हैं मशहूर
मां ब्रह्मचारिणी का ये मंदिर बगोई माता मंदिर के नाम से मशहूर है। बगोई माता की पूजा यहां ब्रह्मचारिणी मां के रूप में की जाती है। ये भी पढ़ें – Navratri 2024 : नवरात्र के पहले दिन करें मां शैलपुत्री के दर्शन, सभी मनोकामना होंगी पूरीनवरात्रि में लगता है भक्तों का मेला
बता दें कि इस मंदिर में नवरात्रि के समय भक्तों का मेला लगा रहता है। दूर-दूर से श्रद्धालु नंगे पैर माता के दर्शन के लिए यहां आते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मन्नत मांगता है उसकी पुकार मां जल्दी सुन लेती है। मन्नत पूरी होने पर भक्त माता के दरबार में घी, गुड़, मिश्री से बना प्रसाद चढ़ाते हैं। साथ ही भूरे कद्दू की पूजा कर मां को अर्पित करते है। ये भी पढ़ें – Navratri Garba Dress : नवरात्रि में खूबसूरत और कम बजट वाले गरबा ड्रेस के लिए फेमस है इंदौर के ये बाजार