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मिसाल : सास-ससुर ने विधवा बहू की करवाई दूसरी शादी, विदाई में रोते हुए बोले- हमें भूलना मत

बहू के प्रति सास ससुर के उत्तरदायित्व की अनूठी मिसाल ने समाज में एक आदर्श स्थापित किया है।

देवासJun 03, 2019 / 03:22 pm

हुसैन अली

मिसाल : सास-ससुर ने विधवा बहू की करवाई दूसरी शादी, विदाई में रोते हुए बोले- हमें भूलना मत

देवास. जीवन के एक मात्र सहारे बेटे की अर्थी को कंधा देने वाले माता-पिता के दुखों को बयान करने के लिए शब्द नहीं मिलते, जवानी में पति के आकस्मिक निधन के बाद पहाड़ जैसी जिंदगी को सहना एक स्त्री के लिए पल-पल मरने के समान है। ऐसे में बहू के प्रति सास ससुर के उत्तरदायित्व की अनूठी मिसाल ने समाज में एक आदर्श स्थापित किया है।
महात्मा गांधी मार्ग पर निवासरत बहुप्रतिष्ठित शर्मा परिवार के कृष्णकांत शर्मा एवं उनकी धर्मपत्नी संध्या शर्मा के इकलौते पुत्र वैभव शर्मा की आकस्मिक मृत्यु 1 जनवरी 16 को हो गई थी। वैभव का विवाह सनावद ओंकारेश्वर निवासी डॉ. मनोहर शर्मा की पुत्री नेहा के साथ हुआ था। विवाह के पश्चात पति की आकस्मिक मृत्यु के बाद नेहा ने अपने सास ससुर की सेवा बेटी बनकर की तो कृष्णकांत शर्मा एवं उनकी पत्नी संध्या शर्मा ने भी उसे अपनी बेटी मानकर उसके भविष्य को संवारने के लिए उसे उच्च शिक्षा दिलवाई, कम्प्यूटर में पीजीडीसीए का डिप्लोमा करवाया, बीएड कराया।
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शर्मा परिवार की परीक्षा अभी समाप्त नहीं हुुई थी कृष्णकांत शर्मा की माताजी को लकवा हो गया लेकिन शर्मा दम्पत्ति ने हिम्मत नहीं हारी और अंत समय तक उनकी सेवा की। विगत तीन वर्षों में इस परिवार ने एक के बाद एक मौत का तांडव सहा। नेहा की सास संध्या शर्मा के पिता मणिशंकर नागर भी दुनिया छोडक़र स्वर्ग सिधार गए।
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बहू को बेटी मानकर लिया पुनर्विवाह का संकल्प

ऐसे में कृष्णकांत एवं संध्या शर्मा ने नेहा को बेटी मानकर उसका भविष्य संवारने के लिए उसके पुनर्विवाह का संकल्प लिया। उसके लिये योग्य वर की तलाश की और 28 मर्ई को अपने जीवन के एक मात्र सहारा नेहा का विवाह राजगढ़ जिले के ग्राम हिकमी निवासी अजय शर्मा के साथ संपन्न कराया।
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नेहा जब डोली में बैठाकर विदा हुई तो शर्मा दम्पत्ति बेटी के माता-पिता की तरह रो पड़े और कहा कि देवास तेरा मायका है और हम तेरे माता पिता हैं हमें भूलना मत, तुमने जैसे हमें संभाला है वैसे ही अपने परिवार को संभालना। विदाई देखकर उपस्थित जनों की आंखे भर आई। नेहा एवं अजय शर्मा ने विवाह के पश्चात देवास में ही रहकर नेहा के माता पिता बने कृष्णकांत एवं संध्या शर्मा की सेवा का संकल्प लिया।

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