MUST READ: रहम करो प्रभु ! पिता को खोने के बाद पति की चिता को अग्नि दे रही है अंजलि
शकील ने उनके घर टीम भेजकर कोविड-19 टेस्ट भी शनिवार को करवाया था। अब मौत के बाद अंतिम संस्कार कैसे होगा इसकी चिंता सताने लगी। शकील अपने साथियों सुमेर दरबार (समाजसेवी), संजय दायमा, रईस शेख और सुरेंद्र बागर पाटीदार परिवार की आस बन कर देर रात से ही अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुट गए।
सभी साथियों ने मिलकर सामग्री जुटाई। रईस शेख रोजे की हालत में भी अंतिम संस्कार कराने गए। स्व. सुखदेव की केवल दो पुत्रियां हैं। जिसमें एक विदिशा और दूसरी मंदसौर में है। सोमवार सुबह उन्होंने चिता बनाई और सुखदेव की बेटी रोशनी ने पिता को मुखाग्नि दी।