एक साल में जिला अस्पताल में 1568, निजी में 453 नसबंदी 1 अप्रैल 2022 से लेकर 31 मार्च 2023 की बात की जाए तो एक साल में जिला मुख्यालय में 1718 के लक्ष्य की तुलना में करीब 2021 नसबंदी ऑपरेशन हुए हैं। इनमें से 1568 ऑपरेशन जिला अस्पताल में हुए हैं जबकि 453 निजी अस्पतालों में। देवास शहर व आसपास स्थित करीब 20 निजी अस्पतालों द्वारा नसबंदी संबंधी जानकारी जिला अस्पताल को उपलब्ध करवाई जाती है।
पुरुष नसबंदी के लिए डॉक्टरों की कमी पुरुष नसबंदी करने के लिए में विशेषज्ञ डॉक्टर कम हैं, हालांकि पुरुषों द्वारा नसबंदी में रुचि नहीं लेने से डॉक्टरों की कमी से किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आती। पुरुष नसबंदी का प्रकरण आता है तो उसे विशेष शिविर में बुलवाया जाता है जहां विशेषज्ञ डॉक्टर आते हैं। उधर महिला नसबंदी के मामले में जिला अस्पताल की स्थिति बेहतर है, यहां करीब पांच डॉक्टर उपलब्ध हैं।
एक साल में मात्र 14 पुरुष नसबंदी पिछले एक साल में जिले में मात्र 14 पुरुष नसबंदी ऑपरेशन हुए हैं। जिला मुख्यालय में दो, बागली में एक, बरोठा में चार, टोंकखुर्द में तीन, खातेगांव व सतवास में दो-दो ऑपरेशन हुए हैं। सोनकच्छ में एक भी पुरुष नसबंदी नहीं हुई है।
वर्ष 2021-22 में लक्ष्य व प्राप्ति स्थान लक्ष्य प्राप्ति देवास 1539 1568सोनकच्छ 972 414 बागली 1714 1436बरोठा 1241 392 टोंकखुर्द 764 503खातेगांव 1087 708 सतवास 1461 1101योग 8779 6122
वर्ष 2022-23 में लक्ष्य व प्राप्ति देवास 1718 2021सोनकच्छ 1022 778 बागली 1791 1555बरोठा 1284 517 टोंकखुर्द 794 475खातेगांव 1136 744 सतवास 1534 1105योग 9279 7195 वर्जन
जिला अस्पताल में स्टॉफ द्वारा नसबंदी के लक्ष्य की पूर्ति के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। जहां तक पुरुष नसबंदी के कम केस होने की बात है तो इसके लिए जागरुकता अभियान चलाया जाएगा।
-डॉ. अजय पटेल, आरएमओ जिला अस्पताल। चार तरह के ऑपरेशन की सुविधा नसबंदी के लिए सामान्यत: चार तरह के ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध है। जिला अस्पताल की नसबंदी संबंधी काम देखने वाली शाखा से मिली जानकारी के अनुसार एलटीटी ऑपरेशन महिलाओं के होते हैं। इसमें दूरबीन का उपयोग किया जाता है। सीटीटी ऑपरेशन भी महिलाओं के होते हैं, यह हाथ से होता है। प्रसव के 7 दिन के अंदर पीटीटी ऑपरेशन होते हैं। वहीं पुरुषों की नसबंदी को एनएसवीटी कहा जाता है।