देवास के बेड़ाखाल गांव में जैसे ही रविवार को हादसे की मनहूस सूचना आई, गांवभर में सन्नाटा छा गया। मृतकों के घरों पर रिश्तेदारों, परिचितों का जमावड़ा लग गया। बूंदी में रविवार तड़के हुए हादसे के बाद मृतकों के शव सोमवार तड़के गांव में लाए गए। परिजनों की चीत्कार के बीच नर्मदा के बैकवाटर के पास अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर तीन हजार से ज्यादा लोग मौजूद रहे।
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गांव में सुबह सुबह मांगीलाल, राजेश, जगदीश, महेश, पूनमचंद और मदन की एक साथ अर्थियां उठीं। भामर गांव की नदी के पास नर्मदा बैकवाटर के किनारे एक ही चिता पर सभी 6 लोगों को मुखाग्नि दी गई। बागली के विधायक मुरली भंवरा भी आए और परिजनों को ढाढस बंधाया।
बेडाखाल के साथ ही आसपास के कई गांवों में इस हादसे का असर दिखाई दिया। गांव के घरों में चूल्हे नहीं जले। मृतकों के
शव लाने का खर्च रेडक्रास सोसायटी ने उठाया। 5 मृतकों के परिजनों को संबल योजना के अंतर्गत 4-4 लाख रुपए दिए जाएंगे।
शव लाने का खर्च रेडक्रास सोसायटी ने उठाया। 5 मृतकों के परिजनों को संबल योजना के अंतर्गत 4-4 लाख रुपए दिए जाएंगे।