एयर मार्शल जितेंद्र मिश्र का पैतृक गांव है भोपतपुरा
भोपतपुरा गांव के जितेन्द्र मिश्र के पिता का नाम नथुनी मिश्र है। जितेंद्र को बचपन से ही विमान उड़ाने का शौक था। उन्होंने रक्षा अकादमी पुणे, एयर कमांड एंड स्टॉफ कॉलेज, एयर यूनिवर्सिटी और रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज में पढ़ाई की। 6 दिसम्बर 1986 को असम के तेजपुर में वायुसेना के लड़ाकू विमान के पायलट ऑफिसर के पद पर नियुक्त हुए।जितेन्द्र मिश्र को पहले भी अति विशिष्ट सेवा मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। वर्तमान में वे मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टॉफ में उप प्रमुख के पद पर हैं।
कारगिल युद्ध में भी मिराज 2000 से बरपाए थे कहर
एयर मार्शल जितेंद्र मिश्र कारगिल युद्ध की शुरुआत में मिराज 2000 विमानों पर लेजर गाइडेड बम को संचालित करने वाली टीम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।जून 2010 में, उन्हें फ्रांस में बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास गरुण फोर्स के लिए भारतीय वायुसेना दल का नेतृत्व करने का अवसर मिला। इसके अतिरिक्त, वे पुणे में सुखोई-30 एमकेआई ऑपरेटिंग एयरबेस के मुख्य परिचालन अधिकारी भी रह चुके हैं और 18 से अधिक प्रकार के लड़ाकू और परिवहन विमान तथा हेलीकॉप्टर उड़ाए हैं।राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किए जाने पर एयर मार्शल जितेन्द्र मिश्र के पैतृक गांव भोपतपुरा में खुशी की लहर दौड़ गई है।