एग्जिट मार्ग महत्वपूर्ण, स्पष्ट और सुरक्षित बनाएं
DM सबसे पहले मेडिकल कॉलेज के एमसीएच विंग में पहुंचीं, जहां उन्होंने एसएनसीयू वार्ड का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां इमरजेंसी फायर एग्जिट के मार्ग को स्पष्ट और सुरक्षित बनाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि आकस्मिक परिस्थितियों में इमरजेंसी एग्जिट का मार्ग बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यही मार्ग किसी भी हादसे में लोगों की जान बचाने का काम करता है। फायर उपकरणों की नियमित जांच की जाए
निरीक्षण के दौरान DM ने मेडिकल कॉलेज में लगे सभी फायर उपकरणों की एक्सपायरी डेट की नियमित जांच सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने कर्मचारियों को आग जैसी आकस्मिक परिस्थितियों से निपटने के लिए समुचित प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।इस दौरान चीफ फायर सेफ्टी ऑफिसर अरुण कुमार ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि मेडिकल कॉलेज का फायर ऑडिट इस वर्ष जनवरी और जून में संपन्न हुआ था। उन्होंने बताया कि फायर ऑडिट के दौरान जो भी कमियां पाई गई थीं, उन्हें समय रहते मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा ठीक कर लिया गया है।
DM ने सभी CHC , PHC की तलब की रिपोर्ट
जिलाधिकारी ने जिले के सभी सीएचसी, पीएचसी और मेडिकल कॉलेजों में फायर सेफ्टी मानकों के अनुपालन की विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में फायर सेफ्टी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में कोई चूक न हो। निरीक्षण के दौरान मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार बरनवाल, सीएमओ डॉ. राजेश झा, सीएमएस डॉ. एच.के. मिश्रा, डॉ. आर.के. श्रीवास्तव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।