देहरादून

सावन में इस दुर्लभ रूद्राक्ष के पेड़ की परिक्रमा से पूरी होती है सारी मनोकामना, भोलेनाथ के ससुराल से है खास नाता

सावन के महीने में इस एक मुखी रूद्राक्ष के पेड़ की परिक्रमा से पूरी होती है सारी मनोकामना, सूखने पर पत्ते धारण करते हैं भगवा रंग। इस पेड़ की खास बात ये है कि इसका नाता भगवान शिव के ससुराल से है।

देहरादूनAug 04, 2024 / 10:23 am

Swati Tiwari

सावन का पावन महीना चल रहा है। शिव जी का प्रिय महीना सावन भोलेनाथ के भक्तों के लिए बहुत खास होता है। पूरे महीने भक्त भोलेनाथ की भक्ति में डूबे रहते हैं। लोग भगवान शिव को खुश करने के लिए उनकी मनपसंद चीज चढ़ाते हैं। आज हम आपको ऐसी चीज के बारे में बताने जा रहे हैं जो भगवान शिव को काफी प्रिय है। हम बात कर रहे हैं रुद्राक्ष की। भारत में एक रुद्राक्ष का एक मुखी पेड़ है जिसकी परिक्रमा मात्र से आपकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।

एक सौ पंद्रह वर्ष पुराना है ये पेड़

हरिहर आश्रम में स्थित एक मुखी दुर्लभ रुद्राक्ष के वृक्ष की आयु एक सौ पंद्रह वर्ष की हो चुकी है। साल भर में यह फल एक क्विंटल से ज्यादा फल देता है। बता दें कि ये दुर्लभ पेड़ भगवान शिव के ससुराल यानी राजा दक्ष की नगरी कनखल के हरिहर आश्रम में स्थित है। कहा जाता है कि इस पेड़ के परिक्रमा करने से सारे दुख, रोग समाप्त हो जाते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से इसकी परिक्रमा करने से सारी इच्छाएं पूरी होती है। 35-40 फीट ऊंचाई वाले इस वृक्ष के पत्ते सूखने पर भगवा रंग धारण कर लेते हैं जो इसे खास बनाते हैं।


सावन और महाशिवरात्रि में लोगों में होता है उत्साह

सावन और महाशिवरात्री के अवसर पर लोगों में काफी उत्साह रहता है। हजारों लोग दूर-दूर से  इस पेड़ की परिक्रमा करने आते हैं ताकि उनके सारे दुख दूर हो सके। वृक्ष से रुद्राक्ष के फलों को तोड़ना बिल्कुल मना कर दिया गया है। वृक्ष से जो फल पकने के बाद स्वयं नीचे गिरते हैं, उनको एकत्रित कर पूजा-अर्चना की जाती है।

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