दौसा

Morel Dam: किसी भी वक्त छलक सकता है राजस्थान का मोरेल बांध, 24 घंटे निगरानी के निर्देश, तैनात होगा जाप्ता

Morel Dam: बांध के दो दिन के भीतर छलकने की उम्मीद है। इससे पहले 2019 और 1997 में मोरेल बांध छलका था।

दौसाAug 13, 2024 / 01:24 pm

Rakesh Mishra

Morel Dam Dausa Rajasthan: दौसा जिले में जमकर बारिश हो रही है। लगातार एक सप्ताह से मेघ मेहरबान हैं। बांध-तालाब, एनिकट, तलाई, नाले सभी लबालब हैं। गांवों में सड़कों पर जमकर पानी बह रहा है। इस बीच जिले के सबसे बड़े मोरेल बांध में पानी की आवक लगातार जारी है। मंगलवार सुबह 7 बजे तक बांध में 27 फीट 5 इंच तक पानी भर चुका है। सोमवार शाम तक बांध में कुल 26 फीट 9 इंच पानी था। बांध की कुल भराव क्षमता 30 फीट 6 इंच है।

पानी की तेजी से आवक

बता दें कि यह एशिया का सबसे बड़ा कच्चा बांध है। जल संंसाधन विभाग के सहायक अभियंता चेतराम मीना ने बताया कि फिलहाल पानी की तेजी से आवक हो रही है। ऐसे में आगामी दिनों में बांध का जल स्तर और अधिक बढ़ सकता है। सहायक अभियंता ने बताया कि दौसा के मोरेल बांध के अलावा सिंथोली बांध का जल स्तर 14 फीट 6 इंच और डिवाचली बांध का जल स्तर 4 फीट 3 इंच जा पहुंचा है।

24 घंटे निगरानी के निर्देश

वहीं दूसरी तरफ जिला प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा सोमवार शाम को मोरेल बांध पर पहुंचे और बांध का जायजा लेते हुए दिशा निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने विभाग के अधिकारियों को बांध पर चौबीस घंटे निगरानी रखने के निर्देश भी दिए। जिला प्रभारी सचिव ने उपखण्ड अधिकारी नरेन्द्र कुमार मीना को निर्देश दिए कि बांध पर चादर चलने की स्थिति में मौके पर सुरक्षा के प्रबंध करते हुए पुलिस का जाप्ता तैनात किया जाए, जिससे कोई घटना नहीं हो। इस बीच कानोता बांध से भी पानी ओवरफ्लो होकर आ रहा है। ऐसे में बांध के दो दिन के भीतर छलकने की उम्मीद है। इससे पहले 2019 और 1997 में मोरेल बांध छलका था।

बांध से निकलती हैं दो नहरें

आपको बता दें कि दौसा और सवाई माधोपुर जिले के लिए मोरेल बांध को लाइफ लाइन माना जाता है। दरअसल दोनों जिलों के सैकड़ों गांवों के किसानों की फसलों को इस बांध से ही जीवनदान मिलता है। इस बांध से दो नहरें निकलती हैं। पूर्व नहर से दौसा जिले की 1736 हैक्टेयर भूमि सिंचित होती है। वहीं मुख्य नहर से सवाई माधोपुर के 55 गावों में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाता है। पूर्व नहर कुल 31.4 और मुख्य नहर 28 किलोमीटर लंबी है। इस बांध का निर्माण कार्य 4 साल में पूरा हुआ और 1952 में यह तैयार हुआ। इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी दौसा जिला प्रशासन के पास है।
यह भी पढ़ें

Rajasthan Rain: राजस्थान के इस उपखंड में एक दर्जन एनिकट पर चली चादर, कच्चा बांध टूटा; नदी का पानी घरों में घुसा

संबंधित विषय:

Hindi News / Dausa / Morel Dam: किसी भी वक्त छलक सकता है राजस्थान का मोरेल बांध, 24 घंटे निगरानी के निर्देश, तैनात होगा जाप्ता

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.