उधर बांदीकुई में वन विभाग की टीमें बाघ एसटी 2402 को तलाश करती रही, लेकिन सफलता नहीं मिली। वहीं क्षेत्र के ग्रामीण बाघ के भय से रातभर जागते रहे। गौरतलब है कि बुधवार सुबह बाघ ने महुखुर्द गांव में हमला कर तीन जनों को घायल कर दिया था। रेस्क्यू के दौरान वन विभाग के वाहन पर भी छलांग लगाकर अटैक किया था।
सरिस्का, जयपुर, अलवर सहित रणथंभौर बाघ अभयारण्य की टीमों ने रात भर महुखुर्द व समीप के निहालपुरा गांव के पास खेतों में टाइगर के मूवमेंट पर निगरानी बनाए रखते नजर आई। गुरुवार सुबह टीम ने बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए फिर से रेस्क्यू शुरू किया, लेकिन मूवमेंट नहीं दिखा। सर्च में जुटी टीम को करिरिया और बिवाई दुब्बी गांव में पगमार्क मिले। इसके बाद टीम पगमार्क के आधार पर पीछा करते हुए अलवर जिले के पीपलहेडा और करणपुरा गांव पहुंची। करणपुरा के बाजोली गांव में एक व्यक्ति ने उसके घर के आंगन में दहाड़ते हुए बाघ को बाहर से जाते देखने की बात कही। इसके बाद टीमें करणपुरा के आसपास बाघ को खोजने में जुटी रही, लेकिन शाम तक कोई पता नहीं लग सका।