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दौसा

राजस्थान में यहां 41 दिन की अग्नि तपस्या, 25 जून तक चिलचिलाती धूप में बैठेंगे संत; जानिए क्या हैं कारण

राजस्थान के दौसा में संत ने शुरू की 41 दिनों की अग्नि तपस्या। 25 जून तक चिलचिलाती गर्मी में तप कर करेंगे जनकल्याण की प्रार्थना।

दौसाMay 20, 2024 / 08:14 pm

Suman Saurabh

दौसा। राजस्थान के दौसा में एक संत ने 41 दिन की तपस्या शुरू की है वो भी कमरे के बाहर चिलचिलाती धूप में। वह 25 जून तक दोपहर 11 से 3 बजे तक मंदिर परिसर के बाहर जन कल्याण के लिए तपस्या करेंगे। संत विजयनाथ योगी ने 41 दिनों की यह अग्नि तपस्या राजस्थान के दौसा जिले के हिंगवा गांव में चल रही है। इस दौरान संत अपने चारों तरफ अग्नि के नौ धूणों के बीच रोज दोपहर 4 घंटे बैठकर जन कल्याण की प्रार्थना करेंगे। तपस्या में लीन संत विजयनाथ योगी हिंगवा नाथपीठ महंत बाबा लक्ष्मण नाथ के शिष्य हैं। संत द्वारा प्रचंड गर्मी व चिलचिलाती धूप के बीच प्रतिदिन करीब 4 घंटे की तपस्या लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है।

20 सालों से अनवरत जारी है अग्नि तपस्या

पीठ के महंत लक्ष्मण नाथ महाराज ने बताया कि जनकल्याण एवं देश-प्रदेश में खुशहाली की कामना को लेकर शिष्य विजयनाथ के द्वारा 9 धूणों के बीच अग्नि तपस्या शुरू की गई है। इसका समापन 41 दिन बाद 25 जून को होगा। उन्होंने बताया कि यह अग्नि तपस्या गर्मी के बावजूद संत द्वारा प्रतिवर्ष की जाती है। जिनके दर्शन व पूजा पाठ के लिए लोगों का तांता लगा रहता है। उन्होंने बताया कि यह गत 20 सालों से अनवरत चलता आ रहा है।

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नाथ समुदाय का सबसे बड़ा सिद्धपीठ है हिंगवा आश्रम

उल्लेखनीय है कि नाथ संप्रदाय का प्राचीन सिद्धपीठ आश्रम यहीं दौसा में स्थापित है, जहां विश्व जनकल्याण के लिए प्रति वर्ष अग्नि तपस्या की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस आश्रम के पीछे कई रहस्य छिपे हैं। यही वजह है कि इस स्थान को नाथ संप्रदाय की राजस्थान की सबसे बड़ी गद्दी के रूप में भी जाना जाता है। यहां नाथ संप्रदाय के 41वें महंत लक्ष्मणनाथ पिछले 40 सालों से सिद्धपीठ आश्रम का संचालन कर रहे हैं। यहां हर गुरु पूर्णिमा पर मेले का आयोजन होता है। इस मौके पर महंत लक्ष्मणनाथ द्वारा आश्रम में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन व भंडारा आयोजित किया जाता है। इसके चलते हर साल गुरु पूर्णिमा पर प्रदेश सहित देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिंगवा आश्रम में आते हैं और महंत का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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