दौसा

आखिरकार राजस्थान में फिर से जिंदा हुए रामोतार सैनी, जनाधार कार्ड दोबारा शुरू

परिजनों का कहना है कि अब सिलिकोसिस कार्ड को लेकर आवेदन कर सकेंगे एवं बीमारी के इलाज के लिए मिलने वाली सरकारी सहायता लाभ मिल सकेगा।

दौसाJan 11, 2025 / 07:56 am

Rakesh Mishra

पत्रिका फोटो

Dausa News: आखिर प्रशासन की ओर से त्वरित कार्यवाही करते हुए राजस्थान के दौसा के ग्राम पंचायत गुढ़ाकटला निवासी रामोतार सैनी का जनाधार कार्ड फिर से प्रारंभ करा दिया गया। कलक्टर देवेन्द्र कुमार के निर्देश पर संबंधित विभागीय अधिकारियों ने सिलिकोसिस पीड़ित रामोतार की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही करते हुए राहत उपलब्ध करवाई।
इससे प्रार्थी को केंद्र एवं राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। इससे पहले गुरुवार को परिजन के साथ पीड़ित दौसा कलेक्ट्रेट पहुंचा। मामला कलक्टर के संज्ञान में आने पर अधिकारियों को शीघ्र समाधान के निर्देश दिए गए।

पत्रिका ने उठाया था मुद्दा

पंचायत समिति बांदीकुई एईएन नितेश सैनी ने पंचायत प्रसार अधिकारी, बायोमेट्रिक मशीन ऑपरेटर, बीएसओ को पीड़ित के घर भेजकर उसका नाम जनाधार में वापस जुड़वाया। परिजनों का कहना है कि अब सिलिकोसिस कार्ड को लेकर आवेदन कर सकेंगे एवं बीमारी के इलाज के लिए मिलने वाली सरकारी सहायता लाभ मिल सकेगा। गौरतलब है कि इस मामले में राजस्थान पत्रिका के 10 जनवरी के संस्करण में ‘मैं जिंदा हूं.. कलक्टर साहब मेरी मदद करो’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
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जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया

दरअसल गुढ़ाकटला के गादंडी रोड दंड खेड़ा ढाणी निवासी रामोतार सैनी (37 वर्ष) को मृत बताकर जनाधार पोर्टल से नाम पृथक कर दिया गया। ऐसे में सिलिकोसिस पीड़ित रामोतार को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। गंभीर बात यह है कि जीवित व्यक्ति को मृत घोषित करने के लिए ना तो मृत्यु प्रमाण पत्र और ना ही किसी प्रकार का शपथ पत्र लगाया गया है। इसके बावजूद जनाधार से सिलिकोसिस पीड़ित रामोतार का नाम पृथक कर दिया।
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