जानकारी के अनुसार झिलमिली बांध वर्ष 2005 में 14 फीट 9 इंच पानी भरने से बांध की चादर चली थी। इसके बाद साल दर साल मानसून की बेरूखी के चलते बांध में पानी की आवक बहुत कम होने से आसपास के गांवों में पानी की समस्या बढ़ती जा रही थी, लेकिन
इस वर्ष मानसून की मेहरबानी के चलते बांध 15 फीट 6 इंच पानी की आवक होने से लबालब भर गया। बांध पर चादर चल गई। इससे लोगों को पेयजल की सुविधा के साथ ही फसलों का उत्पादन बढ़ने से किसानों को फायदा होगा।
इधर नांगल राजावतान उपखण्ड मुख्यालय सहित आसपास के गांवों में शनिवार रात को हुई
झमाझम बारिश से एनिकटों सहित तलाइयां लबालब भर गई है। खेतों में पानी भर गया। बारिश के चलते मोरेल नदी पर देहलावास गांव के समीप बनाई तलाई टूट गई। टोडरवास का एनिकट लबालब पानी भरने के बाद उसका पानी पास के खेतों में होकर निकल रहा है। गांव कानपुरा की तलाई लबालब होने के बाद चादर चल गई।