दौसा

कांग्रेस के इस नेता की जीत से राजस्थान में सियासी भूचाल, दो नेता छोड़ेंगे मंत्री पद?

दौसा में बीजेपी की हार के बाद कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा इस्तीफा देने के संकेत दे चुके है। किरोड़ी मीना ने लिखा कि रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाई पर वचन न जाई।

दौसाJun 05, 2024 / 03:52 pm

Anil Prajapat

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा (फाइल फोटो)

Rajasthan Politics: हॉट सीट दौसा में कांग्रेस के मुरारीलाल मीना की एतिहासिक जीत के बाद राजस्थान में सियासी हलचल मची हुई है। एक तरफ किरोड़ीलाल मीना मंत्री पद से इस्तीफा देने के संकेत दे चुके है। दूसरी ओर कयास लगाए जा रहे है कि राज्यमंत्री व सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर भी मंत्री पद छोड़ने के साथ-साथ राजनीति से संन्यास ले सकते है। हालांकि, मुरारीलाल मीना के चुनाव जीतने के बाद से अब तक बाजौर की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
दरअसल, कुछ समय पहले दौसा दौरे पर आए राज्यमंत्री व सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर ने भाजपा के मिशन-25 और दौसा लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी मुरारीलाल मीना की जीत दर्ज करने पर राजनीति करना छोड़ने और मंत्री पद छोड़ने की बात कही थी। उन्होंने राजस्थान से मिशन-25 के तहत पूरी 25 सीट जीतने का दावा किया था। लेकिन, राजस्थान में हैट्रिक का सपना देख रही बीजेपी को झटका लगा है। साथ ही कांग्रेस नेता मुरारीलाल मीना ने भी दौसा में रिकॉर्ड तोड़ जीत दर्ज की है। अब देखना ये है कि क्या प्रेम सिंह बाजौर मंत्री पद छोड़ने के साथ ही राजनीति से संन्यास लेते है या नहीं?

कांग्रेस को किरोड़ी मीना के इस्तीफे का इंतजार

इधर, दौसा में बीजेपी की हार के बाद कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीना इस्तीफा देने के संकेत दे चुके है। किरोड़ी मीना ने मंगलवार को परिणाम के बाद एक्स पर लिखा कि रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाई पर वचन न जाई। किरोड़ी की इस टिप्पणी ने सियासी हलचल पैदा कर दी और उनके इस बयान को इस्तीफा देने से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस ने भी अपने एक्स अकाउंट पर मीना के इस्तीफे का इंतजार लिखकर टिप्पणी की है।

मुरारीलाल मीना ने बनाया जीत का रिकॉर्ड

लोकसभा सीट दौसा के इतिहास में अब तक की सबसे बड़े अंतर की जीत कांग्रेस के मुरारीलाल मीना ने दर्ज की है। इस जीत से मुरारीलाल ने ना केवल रिकॉर्ड कायम किया है, बल्कि पार्टी के पुराने गढ़ को वापस कांग्रेस की झोली में ला दिया। साथ ही भाजपा को हैट्रिक बनाने से रोक दिया। कांग्रेस प्रत्याशी मुरारीलाल मीना ने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के कन्हैयालाल मीना को 2 लाख 37 हजार 340 मतों से पराजित किया। भाजपा प्रत्याशी को 4 लाख 8 हजार 926 तथा कांग्रेस प्रत्याशी को 6 लाख 46 हजार 266 मत मिले।
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