अभिभावकों-छात्रों को कोचिंग केन्द्र में नामांकन कराने के लिए भ्रामक वादे या अच्छे रैंक दिलाने की गारंटी नहीं दी जाएगी। कोचिंग संस्थान को स्नात्मक से उच्च योग्यता के एवं सद्धरित्र ट्यूटर्स की नियुक्ति करनी होगी । मापदण्डानुसार भौतिक सुविधाएं उपलब्ध करवानी होगी। वहीं स्कूल समय के दौरान कक्षाएं आयोजित नहीं की जाएगी। कोचिंग संस्थानों में प्रशिक्षिति गेट कीपर, मनोचिकित्सक, सीसीटीवी कैमरे, शिकायत पेटी, अग्नि शमन सेवा, सुरक्षा हेल्पलाइन जैसी सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी। कोचिंग केन्द्र अपने द्वारा आयोजित मूल्याकंन परीक्षा परिणाम को सार्वजनिक नहीं करेगा।
गाइड लाइन की पालना के लिए जिला कलक्टर ने सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारी को अध्यक्ष, पुलिस वृत्ताधिकारी को सदस्य एवं मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को सदस्य सचिव बनाकर एक नियंत्रण कमेटी का गठन भी कर दिया है। सीडीईओ ने बताया कि नई गाइड लाइन से सभी कोचिंग संस्थान संचालकों को भी अवगत कराया जाकर नियमों की पालना करने के लिए पाबन्द किया जा रहा है। इधर, प्रशासन के आदेश से नियमों को ताक पर रखकर कोचिंग का संचालन करने वालों में खलबली मच गई।