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जिले में कृषि विभाग ने इस बार 2 लाख हैक्टेयर से अधिक भूमि में खरीफ की बुवाई का लक्ष्य तय किया है। खरीफ की बुवाई 15 जून के बाद शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार मानसून में देरी के कारण बुवाई भी देरी हो गई। प्री मानसून के चलते जिले में गुरुवार व शुक्रवार को अधिकतर जगह बारिश होने के कारण खेतों में नमी हो गई है। ऐसे में अब किसान बुवाई की तैयारी में जुट गए हैं। देशी खाद डालकर किसान खेतों की जुताई कर रहे हैं। लालसोट इलाके में कुछ जगह मूंगफली की अगेती बुवाई भी कर दी गई है।लवाण. क्षेत्र में बरसात के होते ही किसानों ने खेतों की ओर रुख कर लिया है। ट्रैक्टरों से खेतों की जुताई में लग गए हैं, वहीं पानी को रोकने के लिए मेढ़बंदी भी की जा रही है। बरसात के होते ही बाजरा, तिल,मूंग के बीजों की खरीदारी कर रहे हैं। ऐसे में सुबह से ही बाजार में खाद-बीज की दुकानों पर भीड़ लग रही है।
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खाद-बीज की दुकानों पर रौनकइधर, बारिश होने के साथ ही खाद-बीज की दुकानों पर रौनक होने लगी है। किसान मक्का, बाजरा, ज्वार, तिलहन, हरा चारा व सब्जियों आदि की बुवाई के लिए खाद-बीज व अन्य सामग्री खरीदकर ले जा रहे हैं। अभी एक-डेढ़ माह तक खाद-बीज व्यापारियों का सीजन चलेगा। वहीं कृषि विभाग भी नकली बीजों की बिक्री रोकने के लिए अलर्ट हो गया है।
- किसान प्रभुनारायणसिंह भदौरिया ने बताया कि प्री मानसून की बरसात अच्छी हुई है। इस बार पड़ी गर्मी को देखे हुए मानसून में बरसात अच्छी होने की उमीद है। इस समय जयपुर, दौसा और दुर्गापुरा से बाजरे का बीज खरीद कर ला रहे हैं।
- किसान रामवतारसिंह राजपूत ने बताया कि इस समय खेतों में ज्यादातर बाजारे की बुवाई की तैयारी की जा रही है। कई खेतों में देशी खाद के साथ बुवाई की जा रही है
- किसान छाजूमल सैनी ने बताया कि प्री मानसून की ये पहली बारिश खेतों के लिए अमृत है। खेतों के चारों ओर मेढ़बंदी भी की जा रही है, जिससे बरसात का पानी खेतों से बाहर ना निकले। गत दिनों हुई बरसात की एक-बूंद खेत में अमृत के समान थी।
- किसान लालाराम मीणा ने बताया कि इस समय खेतों में जोत निकालने से खेतों के अंदर कीड़े मर जाते हैं। साथ ही जुताई होने पर बरसात का पानी खेतों में जमीन के अंदर तक चला जाता है। ज्यादातर खेतों में बाजरे की बुवाई की जा रही है।