स्थानीय कार्यकर्ताओं में चिंता है कि टिकट में देरी कहीं भारी ना पड़ जाए। ऐनवक्त पर प्रत्याशी घोषित करने से नामांकन रैली व सभा का आयोजन करना मुश्किल हो जाएगा। इधर, भाजपा ने प्रचार भी शुरू कर दिया है। पूरे विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख कस्बों का एक बार दौरा भी पूरा हो चुका है। कई रूठे नेताओं का भी मना लिया गया है।
प्रत्याशी घोषित करने के कांग्रेस को देरी क्यों?
गौरतलब है कि भाजपा की ओर से सामान्य सीट पर एसटी वर्ग का उम्मीदवार उतारने से कांग्रेस का गणित गड़बड़ा गया है। अब पार्टी में मंथन चल रहा है कि भाजपा के वरिष्ठ मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीना के भाई जगमोहन मीना से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में कोई मजबूत व जनाधार वाले व्यक्ति को टिकट दिया जाए। इसमें जातिगत समीकरणों का भी खास ध्यान रखा जा रहा है। यह भी पढ़ें