सोमवार को दौसा में पत्रकारों से बातचीत में राजस्थान विश्वविद्यालय से उनकी बेटी निहारिका जोरवाल के चुनाव के दौरान लगे आरोपों को लेकर पूछे गए सवाल पर मुरारी ने कहा कि मंत्री की बेटी होना कोई बुराई नहीं है। वो अपनी मेहनत और योग्यता से चुनाव लड़ी। मेरे से पूछा कि पापा चुनाव लड़ लूं तो मैंने कहा कि तेरी इच्छा हो तो लड़ ले।
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छात्र नेता नरेश मीना द्वारा दस लाख रुपए दिखाने के मामले में मुरारी ने कहा कि ये उनका कार्यालय का मामला होगा, उन्हें कुछ जानकारी नहीं है। मंत्री ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव सिंबल के नहीं होते हैं, विचारधारा के आधार पर समर्थन किया जाता है। छात्र संगठन ने किसी एक का समर्थन कर दिया तो अन्य चाहे तो चुनाव लड़ सकते हैं, इसमें कांग्रेस के कमजोर होने का कोई सवाल नहीं है।