इससे रोहिताश गिर कर ट्रक के नीचे आ गया, जबकि उसकी मां रामादेवी भी गिर गई, लेकिन तुरंत मां ने संभलते हुए रोहिताश को ट्रक के आगे के टायर व बाइक के बीच से पलक झपकते ही बाहर खिंच लिया, जिससे उसकी जान बच गई।
हालांकि इस दौरान उसके पैर में चोट भी आई और वह घायल हो गया। बाद में रोहिताश को उपचार के लिए लालसोट जिला हॉस्पिटल पहुंचाया। जिला हॉस्पिटल के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक कुमार मीना ने बताया कि रोहिताश के पैर में हल्का फ्रैक्चर है और करीब सात-आठ सेमी लंबा घाव है, जिसे उपचार के बाद घर भेज दिया है।
नहीं पहुंची एंबुलेंस, निजी वाहन से लाए हॉस्पिटल
इस घटना के बाद भी मौके पर लालसोट से एंबुलेंस नहीं पहुंची। जिला हॉस्पिटल में मौजूद परिजनों ने बताया कि सूचना मिलने के बाद वे गांव से घटना स्थल पर पहुंच गए, लेकिन तब तक भी घायल रोहिताश को जिला हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस नहीं पहुंची थी। जिसके बाद वे एक अन्य वाहन से इसे उपचार के लिए जिला हॉस्पिटल लाए हैं।
रोड बनाया नहीं, डिवाइडर बना दिए
बीते दो तीन माह से डिडवाना रीको एरिया से घाटा बालाजी तक फोरलेन रोड का काम जारी है, पूरे क्षेत्र में डब्लूएमएम का ही काम पूरा नहीं हुआ है।रीको एरिया से डिडवाना बाईस मील तक दोनों ओर डब्लूएमएम का ही काम पूरा हुआ है,जबकि रोड पर लगे बिजली के पोल एवं पेड़ों को नहीं हटाया गया है, डामरीकरण होने से पूर्व ही सार्वजनिक निर्माण विभाग के संवेदक ने बाईस मील तक रोड के बीच डिवाइडर बना दिए है, जिससे डामरीकरण रोड की चौड़ाई घटकर काफी कम रह गई है, जिससे डामर वाले रोड पर एक ही वाहन गुजर सकता है, ऐसे में यहां आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। कई बार तो रात्रि में वाहन डिवाइडर से भी टकरा जाते हैं। विभाग के अधिकारी व संवेदक मात्र रोड पर सावधानी से वाहन चलाने की नसीहत देने के सूचना बोर्ड लगा कर अपना कर्तव्य पूरा समझ रहे हैं।