जानकारी के अनुसार मनरेगा के तहत जिले में वर्ष 2023-24 में 1165 परिवार को 100 दिन का रोजगार मिला है, वहीं गत वर्षों के आंकडों पर गौर करें तो जिले में वर्ष 2019-20 में 8073, वर्ष 2020-21 में 7522, वर्ष 2021-22 में 3710 एवं वर्ष 2022-23 में 1398 परिवारों ने सौ दिन का रोजगार प्राप्त किया।
ऐसे में सौ दिन का रोजगार पाने वाले परिवारों की संख्या में गत कई वर्षों से कमी होती जा रही है। वहीं कई ग्राम पंचायतों में पर्याप्त जगह की उपलब्धता नहीं होने से भी ग्रामीणों को समुचित रोजगार नहीं मिल पाता है। गौरतलब है कि वर्ष 2024-25 में जिले में करीब 27 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य है। वहीं राजस्थान में इस वर्ष करीब 266 रुपए न्यूनतम मजदूरी निर्धारित की गई है।
यह है ब्लॉकवार स्थिति वर्ष 2023-24 में
पंचायत समिति बैजूपाड़ा में 12, बांदीकुई में 60, बसवा में 95, दौसा में 254, लालसोट में 80, लवाण में 144, महुवा में 61, नांगल राजावतान में 100, रामगढ़ पचवारा में 123, सिकन्दरा में 103 एवं सिकराय में 133 परिवारों को सौ दिन का रोजगार मिला है। ऐसे में सबसे अधिक दौसा व सबसे कम बैजूपाड़ा पंचायत समिति क्षेत्र में सौ दिन का रोजगार मिला है।
राजस्थान में भी कम हो रही संख्या
राजस्थान की स्थिति पर गौर करें तो वर्ष 2020-21 में 12 लाख 31 हजार 428, वर्ष 2021-22 में 9 लाख 91 हजार 738, वर्ष 2022-23 में 4 लाख 53 हजार 500 एवं 2023-24 में 5 लाख 9 हजार 471 परिवारों को ही सौ दिन का रोजगार मिल सका। ऐसे में प्रदेश स्तर पर भी सौ दिन का रोजगार पाने वाले परिवारों की संख्या में पहले के मुकाबले कमी आई है।
निर्धारित मजदूरी भी नहीं मिल पाती पूरी
इस वर्ष राजस्थान में 266 रुपए प्रतिदिन मजदूरी निर्धारित की गई है, लेकिन टास्क के आधार पर मजदूरी का निर्धारण होता है। ऐसे में निर्धारित मजदूरी पूरी नहीं मिल पाती है। राज्य में श्रमिकों को वर्ष 2020-21 में 169.51, वर्ष 2021-22 में 182.62, वर्ष 2022-23 में 189.77 एवं वर्ष 2023-24 में 200.89 रुपए प्रतिदिन औसतन मजदूरी मिली है।
मनरेगा योजना से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित कराने के लिए प्रयासरत हैं। इस वर्ष अधिक से अधिक परिवारों को सौ दिन का रोजगार दिलाया जाएगा।
विनय मित्र, विकास अधिकारी पंचायत समिति बांदीकुई
विनय मित्र, विकास अधिकारी पंचायत समिति बांदीकुई