करीब 17 घंटे बाद बोरवेल से निकाली गई मासूम को सुरक्षित देख मां-बाप सहित हर किसी के चेहरे पर खुशी के आंसू छलक पड़े। मासूम बेटी नीरू को एम्बुलेंस की सहायता से उपजिला अस्पताल बांदीकुई ले जा गया। जहां पर मेडिकल जांच होगी। बताया जा रहा है कि बच्ची सकुशल है। वहीं, हर कोई रेस्क्यू टीमों की तारीफ कर रहा है। जिन्होंने बारिश के बीच भी रेस्क्यू जारी रखा।
कैमरे में बच्ची मूवमेंट से जगी उम्मीद
एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और एनडीआरएफ की टीम ने बारिश के बीच भी रातभर रेस्क्यू जारी रखा। बोरवेल में बच्ची के गिरने के बाद पाइप डाल कर बच्ची तक ऑक्सीजन पहुंचाई गई। साथ ही बोरवेल में सीसीटीवी कैमरे उतारे गए, जिससे बच्चों के मूवमेंट पर नजर रखी गई। कैमरे में बच्ची मूवमेंट करती नजर आई, जिससे प्रशासन और परिजनों में उम्मीद जगी। इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन और तेजी लाई गई।ऐसे किया गया रेस्क्यू
रेस्क्यू टीमों ने बोरवेल के पास 31 फीट का गड्ढा खोदा है। वहां से 20 फीट लंबा पाइप बच्ची की तरफ डाला गया है। ताकि बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। आज सुबह 7 बजे तक करीब 14 बार एंगल के सहारे बच्ची को निकालने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। माइक के जरिए मां की बेटी से बात करवाई गई। मां ने कहा कि बेटी अपने दोनों हाथ ऊपर करो। रस्सी का फंदा अपने हाथ डाल दो। तभी तुम ऊपर आओगी। लेकिन, जब सफलता नहीं मिली तो रेस्क्यू टीमों ने 23 का टनल खोदा। इसके बाद रेस्क्यू टीम बच्ची तक पहुंच गई और सकुशल सुरक्षित बाहर निकाला गया। बच्ची के बाहर आते ही मौके पर जश्न का माहौल नजर आया।
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ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक बांदीकुई के समीप जोधपुरिया गांव में कंप्यूटर इंजीनियर राहुलसिंह गुर्जर की छोटी बेटी नीरू गुरुवार शाम करीब साढ़े चार बजे बोरवेल में गिर गई और 30 फिट गहराई में अटक गई थी। घटना का करीब 25 मिनट बाद परिजनों को पता चला। सूचना पर प्रशासन ने करीब सवा पांच बजे तीन जेसीबी मशीनों से बोरवेल के समानांतर खुदाई का कार्य शुरू कराया। मेडिकल टीम ने बोरवेल में ऑक्सीजन के पाइप उतारे। चार जेसीबी व कई ट्रैक्टरों से खुदाई व मिट्टी को हटाने का कार्य शुरू किया। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने के कुछ देर बाद ही बारिश का दौर शुरू हुआ, जिस पर प्रशासन ने बोरवेल को टैंट और तिरपाल से ढकवाया। बारिश से बचाव कार्य में परेशानी का सामना करना पड़ा। देर रात तक एसडीआरएफ व सिविल डिफेंस की टीम मौके पर बचाव कार्य में लगी रही। एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया। रेस्क्यू टीमों ने करीब 17 घंटे बाद बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला।