दरअसल, रेलवे की ओर से आपदा प्रबंधन से जुड़े विभागों की गतिशीलता का परीक्षण करने के लिए शुक्रवार सुबह बांदीकुई रेलवे स्टेशन पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। दौसा जिले में बांदीकुई रेलवे जंक्शन के समीप यार्ड में सवारी गाड़ी के दो डिब्बे उतरने की सूचना दी गई और आपातकालीन सायरन बजाकर अलर्ट किया गया। लेकिन, ये आपात स्थितियों से निपटने के लिए सिर्फ मॉक ड्रिल थी।
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मौके पर रेल हादसा जैसा दर्शाया
बांदीकुई रेलवे स्टेशन के समीप यार्ड में ट्रेन हादसा दर्शाने के लिए दो पुराने कोच को पटरी से उतारा गया था। इसके बाद सभी संबंधित लोगों को पैसेंजर ट्रेन बेपटरी होने की सूचना दी गई। बचाव दल को सूचित करने के लिए आपातकालीन सायरन बजाया गया। सूचना मिलते ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आरपीएफ, रेलकर्मी, दुर्घटना राहत एवं टूल यान, मेडिकल टीम के साथ मौके पर पहुंचे। इस दौरान बल और कौशल के साथ बेहतर रेस्क्यू का अभ्यास किया गया। रेल कर्मियों ने डिब्बों को काटकर फंसे हुए लोगों को मुश्किल से बाहर निकाला।