अरविंद मीना ने प्राप्त की 676वीं रेंक: अभावों में भी अर्जित की सफलता
नाहर खोहरा निवासी अरविंद मीना ने आईएएस में 676वीं रेंक प्राप्त कर गांव व परिवार का नाम रोशन किया। उन्होंने बताया कि उनके पिताजी बहुत गरीब परिवार से हैं। गांव में शिक्षा को लेकर बहुत जागृति नहीं है। पिताजी का एक सपना था कि उनका पुत्र एक दिन उच्च अधिकारी बने, रात दिन मेहनत कर यह सफलता अर्जित की है। उन्होंने प्रशासनिक सेवा में चयन होने का श्रेय मात पिता को दिया। मामा का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने हर मोर्चे पर आगे बढऩे के लिए पूरा सहयोग दिया है। अरविंद अभी सशस्त्र सीमा बल में असिस्टेंट कमांडेंट पद पर कार्यरत है। उनका गांव पहाड़ों के नीचे बसा हुआ है जहां पर नेटवर्किंग की भी सबसे अधिक समस्या बनी रहती है। लेकिन सफलता ने साबित कर दिया कि यदि इरादे मजबूत हो तो कितने ही अभाव क्यों ना हो, अनुकूल हो जाते हैं।
नाहर खोहरा निवासी अरविंद मीना ने आईएएस में 676वीं रेंक प्राप्त कर गांव व परिवार का नाम रोशन किया। उन्होंने बताया कि उनके पिताजी बहुत गरीब परिवार से हैं। गांव में शिक्षा को लेकर बहुत जागृति नहीं है। पिताजी का एक सपना था कि उनका पुत्र एक दिन उच्च अधिकारी बने, रात दिन मेहनत कर यह सफलता अर्जित की है। उन्होंने प्रशासनिक सेवा में चयन होने का श्रेय मात पिता को दिया। मामा का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने हर मोर्चे पर आगे बढऩे के लिए पूरा सहयोग दिया है। अरविंद अभी सशस्त्र सीमा बल में असिस्टेंट कमांडेंट पद पर कार्यरत है। उनका गांव पहाड़ों के नीचे बसा हुआ है जहां पर नेटवर्किंग की भी सबसे अधिक समस्या बनी रहती है। लेकिन सफलता ने साबित कर दिया कि यदि इरादे मजबूत हो तो कितने ही अभाव क्यों ना हो, अनुकूल हो जाते हैं।