राज्य निर्वाचन आयोग के तैयारियां शुरू करने के साथ ही अब गांवों की सरकार यानी पंचायत चुनावों को लेकर भी ग्रामीण इलाकों में सुगबुगाहट शुरू हो गई है। बीते एक-दो दिनों से गांवों में इस बात की चर्चा है कि पूर्व की तरह निर्वाचन प्रक्रिया होगी या वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत पूरे प्रदेश में एक साथ संपन्न होंगे।
गौरतलब कि प्रदेश की सभी पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल आगामी वर्ष अलग-अलग माह में पूरा होने जा रहा है। कुछ संस्थाओं का जनवरी मेें और कुछ का मार्च सितम्बर व अक्टूबर में कार्यकाल पूरा होगा। पंचायत समिति सदस्य व जिला परिषद सदस्य का अगस्त 2026 व नवम्बर 2026 में कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। इन संस्थाओं के बीच समय का अंतराल सरकार के वन स्टेट वन इलेक्शन की नीति के चुनाव कराने की मंशा पर निर्भर करता है।
इस तरह होगी प्रगणकों की नियुक्ति
- ग्राम पंचायत के प्रत्येक तीन या चार वार्डों के लिए 1100 मतदाता पर एक प्रगणक की नियुक्ति करें।
- एक प्रगणक को एक से अधिक पंचायतों के वार्ड आवंटित नहीं किए जाए।
- यथा संभव बीएलओ को ही प्रगणकों के पद पर नियुक्त किया जाए।
- संबंधित ग्राम पंचायत में पदस्थापित कार्मिक को उसी वार्ड के लिए प्रगणक नियुक्त करने की प्राथमिकता।
- प्रगणक का किसी राजनीतिक दल से संबंध एवं राजनीतिक गतिविधियों में लिप्त नहीं हो।
- प्रगणकों की नियुक्ति का कार्य 7 दिन में पूर्ण करना होगा।
- प्रगणक के पद पर नियुक्ति योग्य 10 प्रतिशत अतिरिक्त कार्मिकों की सूची तैयार रखी जाएं।
चुनाव के लिए आयोग शीघ्र जारी करेगा पुनरीक्षण कार्यक्रम
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नलिनी कठोतिया की ओर से जारी पत्र में बताया है कि राज्य की पंचायतीराज संस्थाओं के आम चुनाव 2025 में होने हैं। आम चुनाव के लिए पंचायतीराज संस्थाओं की निर्वाचक नामावलियां 1 जनवरी 2025 की अर्हता तिथि के संदर्भ में तैयार की जानी है। आम चुनावों के लिए निर्वाचक नामावलियों का पुनरीक्षण कार्यक्रम आयोग शीघ्र ही जारी करेगा। पंचायत की वार्डवार मतदाता सूची तैयार करने के लिए प्रगणकों की आवश्यकता होगी। प्रगणकों की संख्या के आकलन के लिए गत आम चुनाव में स्थापित किए गए मतदान केन्द्रों की संख्या को भी आधार बनाया जा सकता है। आगामी आम चुनावों के लिए आयोग द्वारा नियुक्त स्टेट लेवल एजेन्सी राजस्थान इलेक्ट्रोनिकस एण्ड इंस्ट्रूमेंटस लिमिटेड द्वारा निर्मित सॉफ्टवेयर के माध्यम से विधानसभा की मतदाता सूचियों के अद्यतन डेटाबेस को पंचायत के वार्डवार विभाजित कर मतदाता सूचियां तैयार की जाएगी। इस विभाजन की प्रक्रिया के लिए प्रपत्र में भरी जाने वाली सूचनाएं संबंधित प्रगणकों द्वारा तैयार की जाएगी। प्रगणकों द्वारा विधानसभा की मतदाता सूची में अंकित किसी भाग के मतदाताओं को उससे संबंधित पंचायत के वार्ड के अनुसार विभक्त किया जाएगा। सूचना ई-सूची पर अपलोड करने के बाद वार्डवार प्रारूप मतदाता सूचियां तैयार हो जाएगी। ऐसी प्रारूप मतदाता सूचियों का संबंधित प्रगणक द्वारा अपने वार्डों में जाकर प्रत्येक मतदाता का भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
पूरा वार्ड एक ही बूथ पर रहेगा
राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदान केन्द्र स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। एक बूथ में 1100 से अधिक मतदाता नहीं होंगे। सम्पूर्ण वार्ड एक ही बूथ पर रहेगा, अलग-अलग बूथों पर विभाजित नहीं किया जाएगा। मतदान बूथों की क्रम संख्या पंचायत समितिवार होगी। एक बूथ पर एक से अधिक वार्डो के मतदाता मत डाल सकते हैं। बूथों पर मतदाताओं की सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। यह भी पढ़ें
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कार्यकाल बढ़ाए सरकार
पंचायत राज एक्ट के तहत पांच साल से पहले चुनाव नही हो सकते हैं व कार्यकाल भी घटाया नहीं जा सकता है। अगर वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत पूरे प्रदेश में एक साथ चुनाव कराने हैं तो जिन संस्थाओं का कार्यकाल जनवरी में पूरा होगा, वहां कार्यकाल बढ़या जाए। मध्यप्रदेश व झारखंड में कोरोना के चलते वहां पंचायत राज संस्थाओं का कार्यकाल बढ़ाया था, प्रदेश की सरकार उसी पैटर्न को लागू करें।-प्रद्युम्न सिंह चौहान, सरपंच संघ प्रवक्ता
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निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाएगी
राज्य निर्वाचन आयोग से पंचायतीराज संस्थाओं के निर्वाचन के संबंध में तैयारियों से जुड़े जो निर्देश मिले हैं, उनकी समय पर पालना सुनिश्चित की जाएगी।
-देवेन्द्र कुमार, जिला निर्वाचन अधिकारी दौसा