खबर का असर… राजस्थान पत्रिका में 29 सितम्बर के अंक में ‘नशे की जद में युवा, बर्बादी के कगार पर परिवार’ शीर्षक से खबर प्रकाशित होते ही पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया। पुलिस महानिरीक जयपुर रैंज एस. सेंगाथिर के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक प्रहलादसिंह कृष्णियां ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सिंह चौहान व पुलिस उपाधीक्षक सुरेश मीना के सुपरविजन में विशेष टीम का गठन सिकंदरा थाना प्रभारी राजपाल सिंह के नेतृत्व में किया।
इन्हें किया गिरफ्तार ( dausa crime news ) टीम ने टोल प्लाजा के पास एक स्टोन मार्ट के पीछे कोटा निवासी भरत अरोड़ा, सिकंदरा थाने के बासड़ा गांव निवासी फतेहसिंह गुर्जर, गिरधारी की ढाणी निवासी प्रभुदयाल सैनी व सिकंदरा गांव निवासी कमलेश जांगिड़ को गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भरत अरोड़ा ( smack smuggler ) के कब्जे से 393 ग्राम व फतेहसिंह के कब्जे से 75 ग्राम स्मैक बरामद ( police seized illegal drugs ) की है।
दो कछुए भी मिले थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से एक लग्जरी कार बरामद की है, उसमें दुर्लभ प्रजाति के दो कछुए भी मिले हैं। पूछताछ कर पता लगाया जा रहा है कि अवैध रूप से स्मैक रखने वाले आरोपी कछुओं को क्या काम लेते थे।
आदतन आरोपी है अरोड़ा पुलिस ने बताया कि भरत अरोड़ा के खिलाफ विभिन्न मामलों के करीब पन्द्रह- सोलह मामले दर्ज हैं। उसको अब से पहले भी 10 वर्ष की सजा सुनाई जा चुकी थी, लेकिन जमानत होने के बाद वह बाहर आ गया और फिर उसने अपराध करना शुरू कर दिया।
सिकंदरा को इसलिए चुना अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सिकंदरा नेशनल हाइवे पर है। यहां पर स्टोन मार्केट की वजह से मजदूर वर्ग के लोग अधिक हैं और बाहर से भी व्यापारी आते हैं। यही कारण है कि अरोड़ा ने स्मैक के धंधे के लिए सिकंदरा को चुना।
पुलिस टीम में ये थे शामिल सिकंदरा थाना प्रभारी के नेतृत्व में साइबर सैल प्रभारी लालसिंह, पुलिसकर्मी प्रदीप सिंह, नागपाल, अजय, बलबीर, सुरज्ञान सिंह, कमल सिंह व रामसिंह को टीम में शामिल थे।