डॉक्टर बोले-हो सकता है साइलेंट अटैक
बांदीकुई अस्पताल के डॉ. पवन जारवाल ने बताया कि सुबह छात्र को अस्पताल लाया गया। उसे सीपीआर दी गई, लेकिन उसने दम तोड़ दिया। चिकित्सक के अनुसार छात्र के परिजन ने बताया कि छात्र का दो साल पहले जेके लोन अस्पताल में इलाज चला था। कई दिन तक भर्ती रहा था। उस समय चिकित्सकों ने हृदय से संबंधित बीमारी होने की बात कही थी। पोस्टमार्टम कराने पर मौत का सही कारण सामने आता, लेकिन फिर भी साइलेंट अटैक हो सकता है। पुलिस ने बताया कि सूचना पर अस्पताल पहुंचे, जहां परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया। इस पर आवश्यक कार्रवाई के बाद शव परिजन के सुपुर्द किया गया।
एक दिन पहले ही मनाया था जन्मदिन
छात्र यतेन्द्र उपाध्याय का एक दिन पूर्व ही जन्मदिन था। वह अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। परिजनों ने उसका 16वां जन्मदिन उत्साह से मनाया था। अगले दिन बेटे की मौत का समाचार मिलते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिजन बेसुध होकर विलाप करते रहे। जागरूकता अभियान चलाया जाए
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शशि मोहन शर्मा ने बताया कि किसी भी बच्चे की अचानक मौत होती है तो उसका कारण
हार्ट अटैक नहीं हो सकता। इसे अचानक मौत कहेंगे। 16 साल तक के बच्चों में हार्ट संबंधी कई बीमारियां पाई जाती हैं। इनमें जन्मजात हार्ट और रुमेटिक हृदय रोग की आशंका अधिक रहती है। अचानक मौत का कारण यही रोग होते हैं। अभिभावकों को जानकारी नहीं रहती। जरूरी है कि जागरूकता अभियान चलाया जाए। बच्चों की ईको कार्डियोग्राफी जांच होनी चाहिए।