पीतांबरा पीठ मंदिर देश के प्रमुख मंदिरों में शामिल है। पीतांबरा पीठ पर मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब सहित अन्य प्रदेशों से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। खास बात यह है कि पीतांबरा पीठ पर विराजमान मां बगुलामुखी को राजनीति की देवी माना जाता है इसलिए नौ दिनों तक केंद्र एवं प्रदेश के मंत्रियों सहित राजनीति से जुड़े कई विशिष्टजनों का नौ दिनों तक आना-जाना रहता है।
चैत्र नवरात्र को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह का वातावरण है। पीतांबरा पीठ पर देश के विभिन्न स्थानों से श्रद्धालुओं के आने की बजह से प्रसाद, फूलमाला, टैक्सी चालकों, होटल संचालकों ेको अच्छे कारोबार की उम्मीद है। नौ दिन तक बाजार में अच्छे कारोबार की उम्मीद भी है। प्रशासन द्वारा भी नौ दिनों तक श्रद्धालुओं की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए अधिक भीड़ वाले विशेष मंदिरों पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्यपालिक मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं।
पीतांबरा पीठ पर आने वाले श्रद्धालुओं की वजह से टैक्सी चालकों, प्रसाद व फूलमाला विक्रेताओं व होटल संचालकों को आठ दिन में 81 लाख से अधिक के कारोबार की उम्मीद है। इसमें शनिवार शामिल नहीं हैं। व्यापारियों से चर्चा और मोटे अनुमान के अनुसार अगर मंदिर पर 08 दिन में 50 हजार श्रद्धालु भी आते हैं तो टैक्सी चालकों को 4.5 लाख, फूल माला विक्रेताओं को करीब 06 लाख 25 हजार, होटल संचालकों को करीब 16 लाख तथा अन्य दुकानदारों को 05 लाख से अधिक की आमदनी होगी।
प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी बड़ी माता मंदिर पर वार्षिक पारंपरिक मेले का आयोजन होगा। सोमवार देर शाम तक बड़ी माता मंदिर के आसपास मकानों के चबूतरों पर दुकानें सजाने का काम जारी था। मेले में दुकानदारों द्वारा खिलौनों, गृहस्थी के सामान, सौंदर्य सामग्री सहित अन्य सामान की दुकानें लगाई जाती हैं। बड़ी माता मंदिर पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने तथा मार्ग संकरा होने की वजह से पुलिस द्वारा टाउनहॉल के पास बेरीकेटिंग कर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाएगा। इसके अलावा पीतांबरा पीठ के लिए पार्किंग व्यवस्था शनिवार की तरह ही रहेगा।