दतिया के गुड़ का चयन एक जिला एक उत्पाद के तहत हुआ है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार और बेहतर गुणवत्ता का गुड़ बनाया जा सके। इसके लिए जिला प्रशासन जिला उद्योग केंद्र की मदद से जिले के 5 किसानों के लिए करीब करोड़ रुपए का कर्ज स्वीकृत हुआ है ताकि गुड का उत्पादन होने के साथसाथ इसकी बेहतर पैकिंग व मार्केटिंग शुरू की जा सके। इसे अब देश के कोनेकोने में भेजा जाएगा।
एक जिला एक उत्पाद के तहत गुड़ चयनित हुआ है। वजह है कि जिले में गन्ना की पैदावार अच्छी है। सैकड़ों हेक्टेयर जमीन में गन्ना उत्पादन किया जाता है। इसी का परिणाम है कि गुड़ एक जिला एक उत्पाद के तहत शामिल है। इस गुड को कैसे परिष्कृत और लाभ का धंधा बनाया जा सके, इसके लिए कैसे मार्केट बनाई जाए। इसके लिए जिला प्रशासन ने 5 किसानों को विभिन्न बैंकों से कर्ज दिलाया है। जिला उद्योग केंद्र ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत प्रस्ताव तैयार कर विभिन्न बैंको को भेजे थे।
गुड़ की अच्छी गुणवत्ता के निर्माण और उन्हें व्यापारिक रूप देने के लिए भारतीय स्टेट बैंक शाखा ने भरसूला गांव के रामनिवास रावत को करीब 24 लाख का कर्ज दिया। वहीं गोराघाट के धीरज साहू को 25 लाख का, भरसूला गांव के ही रमेश रावत को 15 लाख रुपए राशि दिलाई है।
इकौना गांव की नीलम तिवारी को 10 लाख रुपए का और राजगढ़ कॉलोनी निवासी एक फर्म को 24.5 लाख का कर्ज दिया है। इस राशि के माध्यम से न केवल गुड़ का बेहतर उत्पादन होगा बल्कि जिले और प्रदेश के बाहर भी बिक्री के लिए भेजा जाएगा। गड़ के लिए बैंकों से मदद मिलने के बाग निर्माण इकाइयां लगने से न केवल गुड़ का बड़ी मात्रा में निर्माण किया जा सकेगा, बल्कि बेहतर पैकिंग कर उसे आकर्षक बनाया जाएगा ।
और क्या होगा कारोबार में
बताया गया है कि फिलहाल जिले के पांच किसानों को कर्ज दिया गया है ताकि वे इस कारोबार को बढ़ा सकें। गौरतलब है कि अभी गुड़ को किसान खेतों पर बनाकर उसे स्थानीय स्तर पर ही बेच देते हैं। इससे न केवल उन्हें लाभ कम मिल पाता है बल्कि इसे देश के अन्य शहरों में मंडियां नहीं मिल पाती हैं। लेकिन इसे व्यापारिक रूप प्रदान करने के बाद गुड़ को छोटे-छोटे टुकड़ों में पैक किया जा सकेगा।
गुड़ को एक जिला एक उत्पाद के रूप में शामिल किया है निर्माण और शुद्धिकरण के लिए इकाइयां लगाने के लिए कर्ज दिलाया गया है। ताकि इसे व्यापारिक रूप प्रदान किया जा सके।
-संजय कुमार, कलेक्टर दतिया