डॉ सिंह शुक्रवार को अल्प प्रवास पर दतिया आए थे। दतिया प्रवास के दौरान उन्होने पत्रकारों से चर्चा की। उन्होने कहा कि ईडी द्वारा नोटिस दिए जाने पर उन्होंने अपने अधिवक्ता कपिल सिब्बल व विवेक तन्खा के माध्यम से सर्वोच्य न्याायालय में याचिका प्रस्तुत की है। हमें उम्मीद है कि सर्वोच्य न्यायालय से न्याय मिलेगा।
प्रदेश सरकार और जनता से जुड़े मुद्दों पर सवाल करने पर वह बोले कि प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। अधिकारी खुलेआम आम जनता को लूटने का काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में जो कानून व्यवस्था की जो परिभाषा थी वह शिवराज सरकार द्वारा बदल दी गई है। डॉ सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के विभाग के ओएसडी द्वारा अनुकंपा नियुक्ति में खुलेआम डेढ़ लाख रुपए लिए जा रहे हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने उन्हें केवल निलंबित किया है। हमारी मांग है कि सरकार एफआईआर करें और गिरफ्तार करें। उन्होने कहा कि अब केवल एक ही बात रह गई है कि प्रदेश में अगर कोई काम कराना है तो पैसा लाओ और ऑर्डर ले जाओ। चौतरफा लूट मची है।
डॉ. सिंह ने कहा कि मेरा शिवराज सिंह से अनुरोध है कि वह प्रशासनिक व्यवस्था को सुधारें कथनी और करनी में अंतर लाएं। सरकार में घोटाले, भ्रष्टाचार की शिकायतें बढ़ रही हैं और वह केवल भाषण देते हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार घोटालों की सरकार है। मीडिया और समाचार पत्रोंं द्वारा भ्रष्टाचार के प्रमाण देने के बाद भी मुख्यमंत्री द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
लोगों को खुलेआम लूटने का अवसर दिया जा रहा है। प्रदेश की जनता को गरीब और खोखला किया जा रहा है ताकि जनता केवल रोजी, रोटी के सवाल पर लगी रहे। इस अवसर पर बद्री समाधिया, प्रीतम मित्रा, गुरूदेव शरण गुप्ता, सलीम कामरेड आदि कांग्रेस नेता मौजूद रहे।