ब्रांच मैनेजर अंकिता गुप्ता की शिकायत पर विवेक पटेल और शाहनगर के दुर्गेश यादव समेत अन्य पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया। विवेक ने हर खाते पर 700 रुपए कमीशन देकर बेरोगजारों के खाते खुलवाए। उन्हें 25 हजार प्रतिमाह वेतन देने का लालच दिया। 25 हजार रुपए वेतन देने का था दावा पूछताछ में विवेक पटेल ने पुलिस को बताया कि मास्टर माइंड दुर्गेश यादव है। उसने हर माह 25 हजार रुपए वेतन और १००० रुपए अलग से कमीशन देने की बात कही थी। खाता खुलवाने के दौरान दुर्गेश ही अपनी सिम देता था। बाद में इसी मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर वह खातों से ट्रांजेक्शन भी करता था।
पुलिस को बैंक मैनेजर अंकिता गुप्ता ने बताया कि 12 दिसंबर को विवेक पटेल ने खाता खुलवाया था। इसके बाद कई युवकों के खाते खुलवाए गए। इन खातों से जमा और निकासी की राशि अचानक बढऩे लगी। ऐसे में खातों की निगरानी की गई। मामला संदिग्ध लगा तो खाते फ्रीज कर दिए। इसके बाद बैंकर जांच करने खाताधारकों तक पहुंचे। खाताधारकों ने पूछताछ में बताया कि विवेक पटेल के कहने पर खाते खुलवाए। इसके एवज में विवेक ने ७००-७०० रुपए कमीशन दिए थे। उनके खाते विवेक ही ऑपरेट करता था।
टीआई मनोज गुप्ता ने बताया, फर्जी ट्रेडिंग कंपनियां बनाकर काले कारोबार को अंजाम दिया गया। ऑनलाइन सट्टे से जुड़े कारोबारियों ने 17 खातों में 10 करोड़ रुपए से भी अधिक के ट्रांजेक्शन किए। लेन-देन में उन्होंने यूपीआई का इस्तेमाल किया। बताया जा रहा है, काला धन सफेद करने के साथ हवाला और ऑनलाइन सट्टा से यह मामला जुड़ा है। इसमें कई नामचीन लोगों के भी शामिल होने की आशंका है।